रूप चतुर्दशी के दिन जरुर करें ये पांच काम, नहीं रहेगा अकाल मृत्यु एवं नरक में जाने का भय 

उपाय रूप चतुर्दशी के दिन जरुर करें ये पांच काम, नहीं रहेगा अकाल मृत्यु एवं नरक में जाने का भय 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-30 11:18 GMT
रूप चतुर्दशी के दिन जरुर करें ये पांच काम, नहीं रहेगा अकाल मृत्यु एवं नरक में जाने का भय 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  रूप चतुर्दशी कार्तिक मास में दीपावली के ठीक एक दिन पहले आने वाली तिथि है। इस दिन की विशेष  मान्यताएं है। कहा जाता है कि इस दिन की गई कुछ चीजों से सालभर तक सौन्दर्य बरकरार रहता है। दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार में यह बेहद खास त्यौहार माना जाता है। इस दिन को दीपावली पर्व के सबसे शुभ दिन में अंकित करने के पीछे खास कारण है तथा इस दिन किए जाने वाले कार्यों को भी काफी फलदायक माना जाता है। यह दिन नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उबटन लगाने से और स्नान करने से वर्षभर सौंदर्य में वृद्धि होती है। इस दिन पर विधि-विधान से पूजा करने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त होता है और स्वर्ग में स्थान पाता है। इसके विपरित अगर कोई ऐसा ना करे तो वह नरक में जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपायों को आजमाकर आप इस दिन मिलने वाले फल की शुभता में वृद्धि कर सकते हैं। 

1 इस दिन आप ब्रम्ह मुहूर्त में या सूर्योदय से पहले उठें। इसके बाद आप हल्दी, चंदन, बेसन, शहद, केसर और दूध का उबटन लगाएं। इसके
बाद आप स्नान करें। इस उबटन को खास दिन लगाने से आपका सौंदर्य अधिक बढ़ेगा। इसके बाद आप अपनी दिनचर्या अनुसार पूजन करें। ऐसा करने से आप में सकारात्मकता बढ़ेगी और शुभ फलों की प्राप्ति होगी। 

2 इस दिन प्रातःकाल तेल लगाने के बाद अपामार्ग की पत्तियां जल में डालकर उससे स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक से मुक्ति मिलती है।

3 रूप चतुर्दशी के दिन आप अपने सौंदर्य के लिए हर संभव प्रयास करें ऐसा माना जाता  है कि इस दिन सजना-संवरना शुभ होता है। इस दिन आप इत्र आदि लगाकर अच्छी तरह से तैयार हों। इस दिन अपने सौंदर्य पर आप विशेष रुप से ध्यान दें। इससे सालभर तक आपका सौंदर्य बरकरार रहेगा।

4 रूप चतुर्दशी की रात आप तिल के तेल के 14 दीपक अवश्य जलाएं, माना जाता है कि इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। 

5  चतुर्दशी के दिन नए पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इस दिन पीले वस्त्र धारण कर यम की पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु एवं नरक में जाने का भय नहीं रहता। 

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