इस दिन भूलकर भी ना करें ये कार्य
देवउठनी एकादशी इस दिन भूलकर भी ना करें ये कार्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी का व्रत हिंदूओं के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। हर माह के दोनों पक्षों में, कष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी का व्रत किया जाता है। लेकिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी ग्यारस के नाम से जाना जाता है। एकादशी की तिथि पूरी तरह भगवान विष्णु को समर्पित रहती है। माना जाता है कि, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के विश्राम के पश्चात जागते हैं।
एकदशी के दिन माता तुलसी का भी विवाह होता है और इसी दिन सारे मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत होती है। इस दिन व्रत करने से भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन कई अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एकादशी पर ना करें ये काम
1. एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन ना करें।
2. इसके अलावा मांसाहार या तामसिक गुणों वाली चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
3. जो लोग एकादशी का व्रत कर रहे हैं, वे पेस्ट से दांत ना साफ करें।
4. एकादशी के दिन तुलसी तोड़ने से बचें, क्योंकि तुलसी विष्णु की प्रिया हैं।
5. भोग लगाने के लिए पहले से तुलसी तोड़ लेना चाहिए, लेकिन अर्पित की गई तुलसी स्वयं ग्रहण ना करें।
6. व्रत रखने वाले भूल से भी गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग आदि का सेवन नहीं करें।
7. इस दिन घर में भूलकर भी कलह न करें।