Christmas 2020: जानें क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है क्रिसमस, क्या है सांता की कहानी
Christmas 2020: जानें क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है क्रिसमस, क्या है सांता की कहानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ईसाई धर्म के इस मुख्य पर्व को सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं, जो कि आज है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। क्रिसमस 25 दिसंबर से शुरु होकर 5 जनवरी तक चलता है। खासकर यूरोप में 12 दिनों तक मनाए जाने वाले इस फेस्टिवल को ट्वेल्थ नाइट के नाम से जाना जाता है।
क्रिसमस के दिन लोग एक-दूसरे के साथ पार्टी करते हैं, घूमते हैं और चर्च में प्रेयर करते हैं। इस त्योहार पर लोग क्रिसमस पेड़ को सजाते हैं, एक दूसरे को उपहार बांटते हैं और मिलकर भोजन करते हैं। आइए जानते हैं कैसे और क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार, साथ ही जानते हैं क्रिसमस ट्री और सांता की कहानी...
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क्रिसमस ट्री की कहानी
क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हजारों सालों पहले हुई। उस दौरान "Fir" नाम के पेड़ को सजाकर इस विंटर फेस्टिवल को मनाया जाता था। इसके अलावा लोग चेरी के पेड़ की टहनियों को भी क्रिसमस के वक्त सजाया करते थे। जो लोग इन पौधों को खरीद नहीं पाते थे वो लकड़ी को पिरामिड का शेप देकर क्रिसमस मनाया करते थे। धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ा और अब हर कोई क्रिसमस के मौके पर इस पेड़ को अपने घर लाता है और इसे कैंडी, चॉकलेट्स, खिलौने, लाइट्स, बेल्स और गिफ्ट्स से सजाता है। "FIR" नाम के पेड़ को सजाकर इस विंटर फेस्टिवल को मनाया जाता है।
सीक्रेट सांता की कहानी
प्रचलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का एक शख्स रहता था। जो बहुत अमीर था, लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो चुका था। वो हमेशा गरीबों की चुपके से मदद करता था। उन्हें सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश करता रहता था।
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एक दिन निकोलस को पता चला कि एक गरीब आदमी की तीन बेटियां है, जिनकी शादियों के लिए उसके पास बिल्कुल भी पैसा नहीं है। ये बात जान निकोलस इस शख्स की मदद करने पहुंचे। एक रात वो इस आदमी की घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां से सोने से भरा बैग डाल दिया। उस दौरान इस गरीब शख्स ने अपना मोजा सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखा था। इस मोजे में अचानक सोने से भरा बैग उसके घर में गिरा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। आखिरी बार में इस आदमी ने निकोलस ने देख लिया। निकोलस ने ये बात किसी को ना बताने के लिए कहा, लेकिन जल्द ही इस बात का शोर बाहर हुआ। उस दिन से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता सभी को लगता कि ये निकोलस ने दिया। पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोजे में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सांता बनने का रिवाज है।