आज नहाय-खाय से शुरू हुआ पर्व, परिवार की मंगल कामना के लिए ऐसे करें प्रार्थना
छठ पूजा का पहला दिन आज नहाय-खाय से शुरू हुआ पर्व, परिवार की मंगल कामना के लिए ऐसे करें प्रार्थना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान सूर्य की उपासना के सबसे प्रसिद्ध हिंदू पर्व छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है, जो कि सप्तमी तिथि की सुबह तक चलती है। इस बार छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को हो रही है और इसका समापन 31 अक्टूबर को होगा। मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं। बता दें कि छठ एक कठिन पर्व है जिसमें 36 घंटों तक निर्जला व्रत रहकर पानी में खड़े होकर सूर्य को जल चढ़ाया जाता है और उनसे अपने परिवार की मंगल कामना की प्रार्थना की जाती है।
इस पर्व की शुरुआत नहाय- खाय से होती है। वहीं पंचमी को लोहंडा और खरना होता है। वहीं ठीक एक दिन बाद षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है। छठ के दिन सूर्य देव को शाम का अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके बाद अगले दिन सप्तमी को सूर्योदय के समय में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फिर पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। आइए जानते हैं नहाय-खाय के बारे में...
पूजा विधि
- नहाय-खाए के दिन सभी व्रती सिर्फ शुद्ध आहार का सेवन करें।
- खरना के दिन शाम के समय गुड़ की खीर और पुड़ी बनाकर छठी माता को भोग लगाएं।
- सबसे पहले व्रती खीर खाएं बाद में परिवार और ब्राह्मणों को दें।
छठ के दिन घर में बने हुए पकवानों को बड़ी टोकरी में भरें और घाट पर जाएं।
- घाट पर ईख का घर बनाकर बड़ा दीपक जलाएं।
- व्रती घाट में स्नान करने के लिए उतरें और दोनों हाथों में डाल को लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
- सूर्यास्त के बाद घर जाकर परिवार के साथ रात को सूर्य देवता की ध्यान और जागरण करें।
- सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में सारे व्रती घाट पर पहुंचे।
- इस दौरान वो पकवानों की टोकरियों, नारियल और फलों को साथ रखें।
- सभी व्रती उगते सूरज को डाल पकड़कर अर्घ्य दें।
- छठी की कथा सुनें और प्रसाद का वितरण करें।
- आखिर में व्रती प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
इन बातों का रखें ध्यान
- व्रती छठ पर्व के चारों दिन नए कपड़े पहनें। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनें।
- छठ पूजा के चारों दिन व्रती जमीन पर चटाई बिछाकर सोएं।
- व्रती और घर के सदस्य भी छठ पूजा के दौरान प्याज, लहसुन और मांस-मछली ना खाएं।
- पूजा के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का इस्तेमाल करें।
- छठ पूजा में गुड़ और गेंहू के आटे के ठेपुआ, फलों में केला और गन्ना ध्यान से रखें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।