Chaitra Navratri 2020: आज करें मां कालरात्रि की पूजा, मिलेगा शुभ फल

Chaitra Navratri 2020: आज करें मां कालरात्रि की पूजा, मिलेगा शुभ फल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-30 12:15 GMT
Chaitra Navratri 2020: आज करें मां कालरात्रि की पूजा, मिलेगा शुभ फल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना की जाती है, जो कि मां दुर्गा का सातवां रूप है। इन दिनों चैत्र नवरात्रि चल रही है, आज मंगलवार को मां कालरात्रि की पूजा की जा रही है। शास्त्रों के अनुसार काला रंग होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा गया। वहीं इनकी पूजा शुभ फलदायी होने के कारण इन्हें "शुभंकारी" भी कहा गया है। 

मान्यता है कि माता कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य समस्त सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है। माता कालरात्रि पराशक्तियों (काला जादू) की साधना करने वाले जातकों के बीच बेहद प्रसिद्ध हैं। मां की भक्ति से दुष्टों का नाश होता है और ग्रह बाधाएं दूर हो जाती हैं। माता के दर्शन मात्र से मिलने वाले पुण्य फल जैसे- सिद्धि, निधि विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन प्राप्त हो जाता है। 

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ऐसा है स्वरूप
माता कालरात्रि तीन नेत्रों वाली माता है। इनका रंग काला है और ये अपने विशाल बालों को फैलाए हुए हैं। इनकी चार भुजाएं हैं और सिंह के कंधे पर सवार मां कालरात्रि का विकराल रूप अद्भुत हैं। मां कालरात्रि की सवारी गधा है जो देवी कालरात्रि को लेकर इस संसार से बुराई का सर्वनाश कर रहा है। देवी कालरात्रि अपने हाथ में चक्र, गदा, तलवार,धनुष,पाश और तर्जनी मुद्रा धारण किए हुए हैं। वहीं माता माथे पर चन्द्रमा का मुकुट धारण किए हुए हैं 

इन नामों से भी जाना जाता है 
दुर्गा के रूप वाली माता कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृतित्यू रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और मां दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालारात्री के अन्य प्रसिद्ध नामों में हैं।  

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मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

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