सावन में इस शिवलिंग पर गिरती है बिजली, होते हैं कई टुकड़े 

सावन में इस शिवलिंग पर गिरती है बिजली, होते हैं कई टुकड़े 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-29 07:32 GMT
सावन में इस शिवलिंग पर गिरती है बिजली, होते हैं कई टुकड़े 

डिजिटल डेस्क, कुल्लू। भगवान शिव के अनेक मंदिरों में सबसे अद्भुत ये स्थान है। कुल्लू से उत्तर-पूर्व में 8 किलोमीटर दूर खराल घाटी में स्थित इस मंदिर को बिजली महादेव  ( Bijli Mahadev temple )  के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ा सबसे बड़ा आश्चर्य ये है कि यहां हर 12 साल में सावन माह में शिवलिंग पर बिजली गिरती है, जिससे शिवलिंग कई भागों में टूटकर टुकड़े-टुकड़े हो जाता है, यहां हम आपको मंदिर से जुडे़ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं...

इस मंदिर से कुलंत राक्षस और मुनि वशिष्ठ की कथा जुड़ी है। ऋग्वेद में जिक्र है एक बार ऋषि वरिष्ठ ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे अपने उर्जा को कम करें ताकि संसार का विनाश होने से बच सके। इस पर भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना सुनी और अपनी उर्जा को कम किया। यह घटना पार्वती, व्यास नदी के तट पर घटी जिसके बाद से इसे बिजलेश्वर महादेव कहा जाने लगा। 

वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार कुलंत राक्षस ने मानव जाति का जीना मुश्किल कर दिया था। उसने पहाड़ों में उत्पात मचा रखा था। देवताओं ने राक्षस की सेना को खत्म कर दिया। लेकिन कुलंत को मारना उनके लिए संभव नही था। जिसके बाद भगवान महादेव ने बिजली गिराकर कुलंत का संहार किया। तब से इसे बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है। 

कहा जाता है कि हर 12 साल में  आज भी यहां बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग कई हिस्सों में टूट जाता है। जिसे मक्खन लगाकर जोड़ा जाता है। यहां का नजारा कश्मीर की खूबसूरती से मिलता है। ये मंदिर भारत के प्रमुख देव स्थलों में से एक है। 

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