शादी-विवाह में आ रही हैं रुकावटें, शिवजी की पूजा कर पाएं सटीक समाधान
शादी-विवाह में आ रही हैं रुकावटें, शिवजी की पूजा कर पाएं सटीक समाधान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रहों में से सूर्य, शनि, राहु, और केतु को सकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है। इनमें से राहु एवं शनि को विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है। शनिदेव के खराब प्रभाव से जातक का विवाह सही समय पर नहीं हो पाता है और कुण्डली में शनि और राहु साथ में हो तो समाज की मान्यताओं से कुछ हट कर विवाह होता है। जिसे प्रेम विवाह भी कहा जा सकता है। सही आयु में और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभाग्य है।
शीघ्र विवाह लिए इन चारों ग्रहों की शांति अति आवश्यक होता है। वहीं कुंडली में कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं। ग्रहों की अशुभ स्थति इनका प्रमुख कारण होती है जिनका निदान आप ग्रहों के उपाय अर्थात जप, पूजा, दान, व्रत व अन्य वैदिक अनुष्ठान के माध्यम से स्वयं कर व किसी योग्य कर्मकांडी से भी करा सकते हैं।
1- इस समस्या के निदान के लिए मां मंगला गौरी अर्थात् मां पार्वती की आराधना प्रमुख होती है।
“शिव गौरी” के पूजन से और उनकी कृपा से कोई भी जातक शीघ्र विवाह के बंधन में बंध सकता है।
2- शीघ्र विवाह विवाह हेतु घर मे स्फटिक के शिवलिंग की स्थापना करें व नियमित रूप से अभिषेक करें।
3- विवाह योग्य जातक का शयन, वायव्य कोण ( उत्तर पश्चिम ) में होना चाहिए।
4- श्रावण मास के प्रथम दिन अपने घर के पूजा के स्थान पर शिव व गौरी की प्रतिमा को स्थापित करें।
5- श्रावण मास में नियमित रूप से शिव व गौरी का पंचोपचार पूजन तथा भोग अर्पित करें एवं श्वेतार्क पुष्प और बिल्वपत्र अर्पित करें व निम्न मंत्र की एक माला का जप करें।
हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्।।
इस उपाय को पूरी श्रृद्धा के साथ करने से विवाह में बाधा नहीं आती है।
6- इसी के साथ यदि कोई भी कन्या गोस्वामी तुलसीदास कृत पार्वती मांगल्य का पाठ करती है तो भी विवाह बाधा दूर हो कर एक उच्च वर की प्राप्ति होती है।
7- विवाह योग्य कन्या सोमवार को पान एवं सुपारी से शिवलिंग का पूजन एवं जलाभिषेक करें तो शुभ फल प्राप्त होता है।
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र –
8- तुलसी की माला से रामचरित मानस की निम्न चौपाई का राम सीता के चित्र के सामने 108 बार नित्य पाठ करना शीघ्र विवाह के लिए दिव्य प्रयोग है।
सुनि सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तिहारी।
9- यदि कन्या के विवाह में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें कर शिवालय में रख कर ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र की पांच माला का जाप करें। जाप के बाद पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढ़ा दें विवाह की बाधाएं दूर होती जाएंगी।
10- कन्या को विवाह लिए 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए और साथ में पार्वतीजी का श्रृंगार करें शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बांधे तथा शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें। उत्तम विवाह प्रस्ताव आने लगेंगे।
11- वर की कामना पूर्ति हेतु कन्या को निम्न मंत्र का शिव-गौरी पूजनकर एक माला का जप करना चाहिए।
ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः
12- रामचरित मानस के बालकाण्ड में शिव पार्वती विवाह प्रकरण का नित्य पाठ करने से कन्या का विवाह शीघ्र होता देखा गया है।
13- विवाह अभिलाषी शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें तथा शिव लिंग पर 'ॐ नमः शिवाय' जपते हुए 108 श्वेतार्क पुष्प चढ़ावें और शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शिवजी पर 21 बिल्व पत्र चढ़ावें यह कम से कम 7 शुक्रवार करें, शीघ्र ही विवाह के प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जाएंगें।
14- गौरी-शंकर रुद्राक्ष को स्थापित करें। यह रुद्राक्ष साक्षात मां पार्वती और भगवान शिव का प्रतीक है।
अब इसके सम्मुख इस मंत्र का 108 बार जाप करें और विवाह में आ रही बाधाओं के निवारण और शीघ्र विवाह की प्रार्थना भगवान से करें – ॐ कात्यायन्यै नम:, जप के बाद इसे लाल धागे मे पिरोकर धारण करें।
15- प्रत्येक सोमवार को प्रातः नहा-धोकर शिवलिंग पर 'ॐ सोमेश्वराय नमः' मंत्र का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाएं और मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला का जप करें विवाह आ रही बाधा दूर हो जाएंगी।
वैशाख मास में आने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत करें और व्रत मे निम्न मंत्रों की 11 -11 माला जप करें।
1 शिव मंत्र
ॐ ह्रं कामदाय वर्प्रियाय नमः शिवाय।
2 मंगलागौरी मंत्र
ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
3 हनुमान मंत्र
क्रौं बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः।
16- शिव-पार्वती के विवाह विवाह की फोटो अपने घर में स्थापित करें जिसमें वो एक दूसरे के सामने वरमाला लेकर खडे हैं फिर नियमित उनकी आरती करें उनसे अपने शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें। यह प्रयोग भी अत्यंत प्रभावी है।
17- विवाह में आने वाली बाधाओं में से एक कारण कालसर्पयोग भी है। कालसर्प दोष के निवारण के लिए नाग पंचमी या मासिक शिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा कर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं और एक जोड़ा बहते जल में बहाएं।
18- शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाएं तो भी विवाह के योग शीध्र बनते हैं। सोमवार को शिवलिंग पर जल या पंचामृत से अभिषेक करें।
19- शीघ्र विवाह हेतु प्रत्येक सोमवार को विवाह योग्य बालक केसरयुक्त दूध से और युवतियां अनार के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
'ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं' इस मंत्र का 108 बार जप करें।