Kumbha Sankranti 2024: कब है कुंभ संक्रांति, क्या है इसका महत्व और कैसे करें पूजा? यहां जानें

  • 13 फरवरी 2024 को है कुंभ संक्रांति
  • इस दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है
  • सभी तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-09 11:19 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में सूर्यदेव की पूजा का बड़ा महत्व बताया गया है। वहीं कई खास मौकों पर भी भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा और आराधना की जाती है। संक्रांति इनमें महत्वपूर्ण है, यह कई तिथियों में अलग- अलग होती है। लेकिन प्रचलित मकर संक्रांति है जो बीते माह मनाई गई। वहीं फरवरी माह में 13 तारीख मंगलवार को कुंभ संक्रांति आने वाली है।

मान्यता के अनुसार, कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि, संक्रांति के दिन पवित्र नदी और सरोवर में स्नान-ध्यान, पूजा, जप, तप और दान करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है। आइए जानते हैं पूजा की विधि...

क्या है सूर्य संक्रांति

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब भी सूर्य राशि बदलते हैं, उसके साथ संक्रांति नाम जुड़ जाता है। जैसे सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। इसी तरह सूर्य जब कुंभ राशि में प्रवेश करता है तो इस बदलाव को कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। 

कब है कुंभ संक्रांति

पंचांग के अनुसार, 13 फरवरी 2024, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। वहीं महापुण्य काल की बात करें तो इसकी समयावधि 1 घंटा 51 मिनट है। महापुण्य काल दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगा और 03 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

व्रत और पूजा विधि

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

नदी या तालाब ना जा सकें तो घर पर गंगा जल को पानी में मिलाकर स्नान करें।

सूर्य निकलने पर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें।

अर्घ्य देने के बाद आदित्‍य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।

सूर्य देव की पूजा करें।

गरीबों और ब्राह्मणों को खाने की वस्तुएं और कपड़ें दान करें।

इसके अलावा कुंभ संक्रांति के दिन गोदान करना भी बेहद शुभ माना जाता है

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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