Jyeshtha Kalashtami: इस विधि से करें भगवान के शिव रौद्र रूप की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई 2024 को है
  • व्रत रखने से नकारात्मक शक्तियां खत्म होती हैं
  • पूजा करने से शत्रु, रोग, भय से मुक्ति मिलती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-29 11:14 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रुप काला भैरव की पूजा की जाती है। साल भर में कुल 12 कालाष्टमी पड़ती है। वहीं ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई को है। यानि कि गुरुवार को कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा। माना जाता है कि, इस व्रत को रखने से सभी नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भगवान काल भैरव की पूजा करने से शत्रु, रोग, अकाल मृत्यु, भय से मुक्ति मिलती है। यही नहीं इस दिन व्रत रखने और उनकी आराधना करने से सभी तरह की समस्याओं से निजात मिलती है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

तंत्र- मंत्र के देवता हैं काल भैरव

कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के अंश काल भैरव की पूजा की जाती है। काल भैरव रुद्रावतार हैं और उनका स्वरुप भयंकर, उग्र और डरावना है। उनको देखकर स्वयं काल भी भयभीत हो जाता है। इनको तंत्र- मंत्र का देवता कहा जाता है।

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 30 मई 2024, गुरुवार सुबह 11 बजकर 43 मिनट से

तिथि समापन: 31 मई 2024, शुक्रवार सुबह 9 बजकर 38 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

- भैरव बाबा की उपासना षोड्षोपचार पूजन सहित करनी चाहिए और रात्री में जागरण करना चाहिए।

- रात में भजन कीर्तन करते हुए भैरव कथा व आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।

- भैरव अष्टमी के दिन व्रत और पूजा उपासना करने से शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है।

- इस दिन भैरव बाबा की विशेष पूजा अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।

- इस तिथि पर श्री कालभैरव जी का दर्शन- पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

- काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठा भोजन कराना चाहिए।

- इस दिन काल भैरव के दर्शन करने से भूत पिशाच का डर खत्म हो जाता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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