कजरी तीज 2023: इस निर्जला व्रत से मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद, जानें पूजा विधि

कजरी तीज का पर्व 2 सितंबर यानी आज रखा जा रहा है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-02 10:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि, इस व्रत से सुख-समृद्धि की प्राप्ति के साथ सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

माना जाता है कि, इस दिन मां पार्वती और शिव जी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे एक पर्व के रूप में देखा जाता है, जो कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में खास तौर पर मनाया जाता है। इस बार कजरी तीज का पर्व 2 सितंबर यानी आज रखा जा रहा है।

कजरी तीज शुभ मुहूर्त

तिथि आरंभ: 1 सितंबर, शुक्रवार रात 11 बजकर 50 मिनट से

तिथि समापन: 2 सितंबर शनिवार रात 8 बजकर 49 मिनट

पूजा का मुहूर्त: सुबह 07:57 बजे से सुबह 09:31 बजे तक है और रात 09:45 बजे से रात 11:12 बजे तक।

व्रत विधि-

इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं।

पूजा घर को गंगा जल से शुद्ध कर लें।

कलश में घी का दीपक जला लें।

गौरी गणेश एवं नवग्रहों की स्थापना कर लें।

सबसे पहले भगवान गौरी गणेश तथा नवग्रहों की पूजा करें।

इसके बाद भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती को पंचामृत एवं शुद्ध जल से स्नान करा लें।

इसके बाद भगवान को कुमकुम चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर आदि लगाएं

अब भगवान को अक्षत, फूल, बेलपत्र आदी अरपित कर धूप और दीपक से आरती करें।

आरती के बाद भगवान को नारियल एवं अन्य प्रसाद अर्पित करें।

व्रत पारण- व्रत पारण के लिए दिन में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना के बाद रात में चंद्रोदय के बाद चंद्र देव का पूजन तथा उन्हें कच्चा दूध एवं गंगाजल का अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद आप आपना व्रत खोल सकती हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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