Pradosh Vrat: बुध प्रदोष पर बन रहे हैं 6 शुभ योग, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा

  • शिव परिवार की कृपा प्राप्त होती है
  • ज्येष्ठ माह में बुध प्रदोष 19 जून को है
  • इस दिन 6 शुभ योगों का निर्माण होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-18 08:37 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह व्रत भगवान शिव की महाकृपा के साथ-साथ उनके पूरे परिवार की कृपा पाने का भी दिन है। वैसे तो प्रदोष हर माह की त्रयोदशी के दिन आता है, लेकिन जो प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ता है उसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। ज्येष्ठ माह में बुध प्रदोष 19 जून को पड़ रहा है।

ऐसा कहा जाता है कि, बुध प्रदोष व्रत का व्रत रखने से कोई भी व्यक्ति अपने बुध और चन्द्रमा को अच्छा कर सकता है। साथ ही शिवजी की कृपा से इस व्रत के प्रभाव से संतान रत्न की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत के मौके पर 6 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं इन शुभ योग और पूजा की विधि के बारे में...

शुभ योग

सिद्ध योग: सुबह से लेकर रात 09 बजकर 12 मिनट तक

साध्य योग: रात 09 बजकर 12 मिनट से अगले दिन रात्रि 08 बजकर 13 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक

रवि योग: शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक

अमृत सिद्धि योग: शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक

पूजा विधि

- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।

- साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।

- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।

- भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं।

- फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।

- फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें।

- विभिन्न फूलों, बेलपत्रों से शिव को प्रसन्न करें।

- शिव जी की पूजा करते समय शिव पुराण और शिव स्तुति करें।

- शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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