Ganga Dussehra 2024: 100 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

  • ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाते हैं
  • इसी दिन मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था
  • इस वर्ष यह पर्व 16 जून, रविवार को मनाया जाएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-15 09:15 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में गंगा नदी को सबसे ज्यादा पवित्र माना गया और उतना ही पवित्र माना जाता है इसका जल। किसी भी शुभ कार्य या पूजा से पहले गंगाजल का छिड़काव किया जाता है। माना जाता है कि, गंगा स्नान से मनुष्य के सभी तरह के पाप धुल जाते हैं। पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था, इसलिए इसे हर वर्ष गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के रूप में मनाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि, गंगा दशहरे पर गंगा स्नान के साथ दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन मां गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही व्यक्ति को मुक्ति मोक्ष मिलता है। इस वर्ष यह पर्व 16 जून, रविवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, करीब 100 सालों के बाद खास संयोग गंगा दशहरा पर्व पर बन रहा है। आइए जानते हैं इस योग के बारे में, साथ ही जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

100 साल बाद बन रहा ये संयोग

गंगा दशहरा के खास मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। इसी के साथ हस्त नक्षत्र भी लग रहा है। बता दें कि, पुराणों के अनुसार हस्त नक्षत्र में ही मां गंगा धरती पर उतरी थीं। इसके अलावा इसी दिन लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ऐसा संयोग करीब 100 साल बाद बन रहा है।

तिथि और मुहूर्त

दशमीं तिथि आरंभ: 16 जून, रविवार रात 02 बजकर 32 मिनट (AM) से शुरू

दशमीं तिथि समापन: 17 जून, सोमवार सुबह 04 बजकर 34 मिनट तक

पूजा का समय: 16 जून, रविवार सुबह 7 बजकर 08 मिनट से, सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक

पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त हों।

इस दिन गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाना चाहिए।

गंगा तट पर जाना संभव ना होने पर आस-पास की पवित्र नदी या तालाब में भी गंगा के नाम के जप के साथ डुबकी लगा सकते हैं।

स्नान के बाद सूर्य देव को अर्ध्य दें और साथ ही मां गंगा का भी पूजा करें।

स्नान के बाद गंगा दशहरा पर दान का काफी महत्व है।

इस दिन जरूरतमंदों को फल और कपड़े दान करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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