Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: सर्वार्थ सिद्धि योग में करें श्री गणेश की पूजा, जानिए व्रत और पूजा विधि
- यह व्रत 25 मई, रविवार को रखा जाएगा
- यह व्रत मई माह का अंतिम चतुर्थी व्रत है
- संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है। वहीं इस माह में कई सारे व्रत और त्योहार आने वाले हैं। इनमें एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Ekadanta Sankashti Chaturthi) खास है, जब बप्पा के लिए व्रत रखने के साथ विशेष पूजा की जाती है। यह व्रत 25 मई, रविवार को रखा जाएगा। इस साल यह व्रत मई माह का अंतिम चतुर्थी व्रत है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में श्री गणेश की पूजा करना और भी शुभ फल प्रदान करता है। आइए जानते हैं इस व्रत और पूजा विधि के बारे में...
मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 मई 2024, रविवार की शाम 06 बजकर 06 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 मई 2024, सोमवार की शाम 04 बजकर 53 मिनट पर
सर्वार्थ सिद्धि योग: 26 मई सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक
चंद्रोदय समय: 26 मई 2024, रविवार की रात 08:28 बजे
कब रखें व्रत: चूंकि, चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय का महत्व है, ऐसे में यह व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा।
पूजन विधि
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें।
- भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान गणेश को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।
- इसके बाद सभी को लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।