Eid-Ul-Adha 2024: भारत में कब मनाई जाएगी बकरीद, जानिए सही तारीख और इसका महत्व
- इस्लाम धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है ईद-उल-अजहा
- यह पर्व चांद दिखने के 10 दिनों बाद मनाया जाता है
- इस साल 17 जून, सोमवार को मनाई जाएगी बकरीद
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इस्लाम धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है ईद-उल-अजहा (eid-ul-adha) यानी बकरीद, जिसे हर साल मुस्लिम समुदाय बड़े ही धूमधाम से मनाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व 12वें महीने जुल-हिज्जा के दसवें दिन आता है और यह पर्व चांद दिखने के 10 दिनों बाद मनाया जाता है। इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों के लिए यह पर्व मीठी ईद के बाद का सबसे बड़ा पर्व है।
मुस्लिम परंपरा के अनुसार, ईद-उल-अजहा जिसका मतलब कुर्बानी से होता है। बता दें कि, बकरीद के मौके पर मुस्लिम धर्म में नमाज पढ़ने के साथ-साथ जानवरों की कुर्बानी दी जाती है और इसे रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जरूरतमंदों में बांटा जाता है। भारत में कब मनाई जाएगी बकरीद? और क्या है इसका महत्व, आइए जानते हैं...
भारत में कब मनाया जाएगा बकरीद का पर्व
भारत सहित कुछ एशियाई देशों में धुल हिज्जा का चांद 7 जून को दिखा था और चांद दिखने के 10 दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है। ऐसे में भारत में ईद उल अजहा का पर्व 17 जून, सोमवार को मनाया जाएगा। भारत के अलावा पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, ब्रूनेई और होंग कोंग में यह पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
बकरीद का महत्व
बकरीद का त्योहार मनाए जाने के पीछे पैगंबर हजरत इब्राहिम से जुड़ी कहानी है। इस्लाम धर्म के अनुसार, हजरत इब्राहिम का खुदा में पूरा विश्वास था। कहा जाता है कि अल्लाह ने जब एक बार सपने में पैगंबर इब्राहिम से अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज मांगी। तब पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया।
जब पैगंबर हजरत इब्राहीम अपने बेटे स्माइल की कुर्बानी देने के लिए जा रहे थे तो रास्ते में कई शैतानों ने उन्हें ऐसा ना करने की समझाइश दी, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। हालांकि, अपने ही बेटे की कुर्बानी देना आसान नहीं था, ऐसे में उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली।
जब पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे को मारने वाले थे तभी अल्लाह ने अपने दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे से बदल दिया था। तभी से बकरीद का त्योहार पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाया जाता है।
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