धनु संक्रांति 2023: जानें इस दिन का महत्व, सुख-समृद्धि के लिए करें ये कार्य

भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-14 07:20 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में देव उठनी एकादशी के साथ ही सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। लेकिन इसके 23 दिन बाद ही एक बार फिर से पूरे एक माह के लिए शुभ कार्यों पर रोक लगने वाली है। दरअसल, 16 दिसंबर को भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं। इस परिवर्तन को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भगवान भास्कर के धनु और मीन राशि में गोचर के दौरान खरमास लगता है। इसे खरमास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि, गुरू के प्रभाव में कमी के कारण खरमास काल में विवाह आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाना चाहिए। वहीं बात करें धनु संक्रांति की तो, इस दिन पितृ तर्पण, दान, धर्म और स्नान आदि का बहुत महत्व माना जाता है। आइए जानते हैं धनु संक्राति का महत्व और पूजन विधि...

धनु संक्रांति तिथि

धनु संक्रांति पुण्य काल: शाम 04 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक

धनु संक्रांति महा पुण्य काल: शाम 04 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक

धनु संक्रांति का महत्व

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। साल में कुल 12 संक्रातियां पड़ती हैं। इनमें कर्क संक्राति और मकर संक्राति का विशेष महत्व है। लेकिन सूर्य के धनु राशि में रहने का भी अलग महत्व है। सूर्यदेव के धनुराशि में प्रवेश करने को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

धनु संक्रांति पर क्या करें

इस दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त हो कर भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन पितृ तर्पण, दान, धर्म और स्नान आदि का काफी महत्व होता है। संक्रांति में सूर्यदेव की पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। वहीं संक्रांति के पुण्य काल में स्नान-दान और पूजा पाठ किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि, इस दिन सूर्य उपासना और दान पुण्य से आरोग्य का वरदान मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि भी आती है।

इस मंत्र का करें जप

।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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