Chaitra Navratri 2024: दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, इस मंत्र के साथ करें आराधना
- 10 तारीख बुधवार को होगी माता ब्रह्मचारिणी की पूजा
- पूजा से कार्यों में आ रही रुकावटें, बाधाएं दूर हो जाती हैं
- मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाया जाता है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत इस वर्ष 09 अप्रैल, मंगलवार से हो रही है और 10 तारीख बुधवार को नवरात्रि का दूसरा दिन है। यह दिन माता ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) को समर्पित होता है। देवी के इस स्वरूप को तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से कार्यों में आ रही रुकावटें, बाधाएं दूर हो जाती हैं और विजय की प्राप्ति होती है। माता की पूजा से भक्तों में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की भी पूजा भी की जा सकती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं। ध्यान रहे इस दिन माता की पूजा के बाद घर में प्रसाद जरूर वितरण करें। ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों को लंबी आयु का वरदान मिलता है। आइए जानते हैं मां के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...
स्वरूप
शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ है तप की चारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली मां। मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है। माता के सीधे हाथ में जप की माला और उल्टे हाथ में कमण्डल होता है। मान्यता है कि, देवी की पूजा करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे वह बिना घबराए जीवन की समस्त चुनौतियों का सामना कर सकता है।
इस विधि से करें माता की पूजा
- नवरात्रि के दूसरे दिन स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें।
- अपने हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें।
- इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं।
- इसके बाद अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें।
- देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं।
- कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं।
- माता को उनका मनपसंद भोग लगाएं।
पूजा के दौरान इस मंत्र का करें जाप
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।