Chaitra Mas 2024: धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है चैत्र मास, जानें इस माह में क्या करें और क्या ना करें?
- इस माह का समापन 23 अप्रैल 2024 को होगा
- चैत्र मास भगवान नारायण का मास माना जाता है
- इस महीने में पशु -पक्षियों को दाना- पानी देना चाहिए
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग का पहला महीना चैत्र (Chaitra) है और धार्मिक दृष्टि ये यह काफी महत्वपूर्ण माना गया है। पुराणों के अनुसार इसी माह में ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करनी आरंभ की थी। इस वर्ष चैत्र माह की शुरुआत 26 मार्च से हो चुकी है और इसका समापन 23 अप्रैल 2024 को होगा। पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के आखिरी दिन यानी कि पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम चैत्र रखा गया है। आइए जानते हैं इस माह का महत्व और ध्यान रखने योग्य कुछ खास बातें...
महत्व
वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का मास माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इसी माह में भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई। वर्णन है- ‘चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि। शुक्ल पक्षे समग्रेतु सूर्योदये सति॥' इसका मतलब यह कि, ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना चैत्र मास के प्रथम दिन, प्रथम सूर्योदय होने पर की।
चैत्र मास में क्या करें और क्या ना करें?
- चैत्र मास के शुरू होने के बाद सर्दियां समाप्त हो जाती हैं और गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसे में आयुर्वेद और अध्यात्म के अनुसार चैत्र महीने में शीतल जल से स्नान करना आरंभ कर देना चाहिए।
- गर्मी का मौसम होने से इस महीने में धीरे-धीरे अनाज खाना कम करना चाहिए। इसकी जगह फल खाएं और पानी अधिक पीना चाहिए।
- इस माह में पशु- पक्षियों को पानी सरलता से नहीं मिल पाता। ऐसे में इस महीने में पशु-पक्षियों को रोजाना दाना-पानी देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस महीने पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने और उनकी सेवा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- जीवन में खुशहाली के लिए चैत्र माह में पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत अच्छा माना जाता है। पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और उस पर लाल रंग अर्पित करना चाहिए।
- इस महीने में सूर्य और देवी की उपासना करना चाहिए। सूर्यदेव की उपासना करने से व्यक्ति को हर रोग से छुटकारा मिल जाता है।
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