बुद्ध पूर्णिमा आज: जानें क्यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा, क्या है पूजा की विधि और महत्व
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह की पहली पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध का जन्म मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध विष्णु का नौवां अवतार है। आज शुक्रवार को यानी 5 मई को भारत और दुनियाभर में बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जा रहा है, यह दिन बुद्ध धर्म के भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जिसे वैशाख पूर्णिमा और सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता। इस दिन भगवान बुद्ध ने नेपाल की लुंबिनी में जन्म लिया था। वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध के साथ भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है।
माना जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से भगवान अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है। आप को बता दें कि इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। कहा जाता कि भगवान बुद्ध के जीवन की 3 महत्वपूर्ण घटनाएं - जन्म, ज्ञान और मोक्ष एक ही दिन आते हैं।
नेपाल में लिया था जन्म
इस दिन लगभग 563 ईसा पूर्व में भगवान बुद्ध ने राजकुमार सिध्दार्थ गौतम के रूप में नेपाल की लुंबिनी में जन्म लिया था। भगवान बुद्ध ने वर्षों तक वन में कठोर तपस्या के बाद इस दिन ज्ञान प्राप्त किया था। इस वजह से बुद्ध धर्म में इस दिन का अत्यधिक महत्व हैं और बुद्ध धर्म के भक्तों द्वारा बुद्ध पूर्णिमा को बहुत उत्साह के साथ मनाय जाता है। भगवान बुद्ध ने वैशाख पूर्णिमा के दिन ही मोक्ष की प्राप्ति की थी इसलिए इस दिन को परिनिर्वाण दिवस कहा जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 मई को रात में 11:44 पर हो जाएगा और 5 मई को रात 11:03 पर इसका समापन होगा।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन ऐसे करें पूजा
बुद्ध पूर्णिमा के दिन घरों में दीपक जलाए जाते है और फूलों ससे घरों को सजाया जाता हैं। इस दिन सू्र्योदय से पूर्व उठकर दैनिक नित्यक्रम के बाद स्नान करें। इसके बाद बौद्ध धर्मग्रंथों का पाठ करें