अपरा एकादशी 2024: इस मुहूर्त में करें श्री हरि की पूजा, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति

  • इस वर्ष अपरा एकादशी 02 जून, रविवार को है
  • भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व होता है
  • इस व्रत से सभी परेशानियों का अंत हो जाता है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-01 10:03 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का खासा महत्व माना जाता है। वहीं ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इसे जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी 02 जून, रविवार को है। हिन्‍दू पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार अपरा एकादशी के व्रत से सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व होता है।

ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत के पुण्य से ब्रह्म हत्या, असत्य भाषण, झूठा वेद पढ़ने से लगा हुआ पाप आदि नष्ट हो जाता है। अपरा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के जीवन से सभी दुख और परेशानियों का अंत हो जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत की विधि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

अपरा एकादशी तिथि

एकादशी तिथि प्रारंभ: 02 जून 2024, रविवार सुबह 05 बजकर 41 मिनट से

एकादशी तिथि समापन: 03 जून 2024, सोमवार देर रात 02 बजकर 41 मिनट तक

व्रत विधि

- एकादशी के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

- इसके बाद भगवान विष्णु, कृष्ण तथा बलराम का धूप, दीप, फल, फूल, तिल आदि से पूजा करना चाहिए।

- इस पूरे दिन निर्जल उपवास करना चाहिए।

- यदि संभव ना हो तो पानी तथा एक समय फल आहार ले सकते हैं।

- द्वादशी के दिन यानि पारण के दिन भगवान का पुनः पूजन कर कथा का पाठ करना चाहिए।

- कथा पढ़ने के बाद प्रसाद वितरण, ब्राह्मण को भोजन तथा दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए।

- अंत में भोजन ग्रहण कर उपवास खोलना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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