महंत के सुसाइड नोट में इस्तेमाल हुए अलग पैन और पन्नों पर अलग साइन से गहराया रहस्य, पुलिस भी उलझी
सुसाइड नोट से उलझे तार महंत के सुसाइड नोट में इस्तेमाल हुए अलग पैन और पन्नों पर अलग साइन से गहराया रहस्य, पुलिस भी उलझी
डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। निरंजनी अखाड़ा के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी मौत के मामले में मिला सुसाइड नोट क्या कह रहा है। वह किस तरफ इशारा कर रहा है। पुलिस ने अब एक-एक कर पर्दा उठाना शुरू कर दिया है। एडीजी लॉ ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि उनका सुसाइड नोट 11 पन्नों का मिला है इससे साफ जाहिर होता है कि वो काफी समय से परेशान चल रहे थे। पत्र में जिस तरह से आत्महत्या का जिक्र किया गया है उसे देखकर लगता उन्होंने सुसाइड करने की तैयारी पहले से कर ली थी। जिसकी पूरी जानकारी 11 पन्नों के पत्र में दी है। उन्होंने लिखा कि मैं शान से जिया और अब शान से मरना चाहता हूं।
सबसे ज्यादा किसका जिक्र?
दिवंगत महंत ने सबसे ज्यादा अपने शिष्य आनंद गिरी का नाम लिखा है ,उनके साथ अन्य शिष्यों के नाम भी लिखे है। सुसाइड नोट में महंत ने आनंद गिरी के साथ आधा प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का जिक्र किया है। 11 पन्नों के सुसाइड नोट में आनंद गिरी के नाम का 14 बार जिक्र किया है। दिवंगत आत्मा ने लिखा है जबसे आनंद गिरी ने मेरे ऊपर गलत,झूठे, मनगढ़ंत,षडयंत्र कर आरोप लगाया तब से मैं डिप्रेशन में हूं। आनंद गिरी , आधा प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी ने एकजुट होकर मुझे फंसाना का षडयंत्र रचा है। आनंद गिरी ने सोशल मीडिया पर मेरे चरित्र को बदनाम करने का मनगढ़ंत आरोप लगाए है जिन्हें विभिन्न सॉफ्टवेयर की सहायता से तैयार किया गया है। मठ मंदिर और उनसे जुड़े महंत की बदनामी के डर से मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।
सात बार आत्महत्या का जिक्र
महंत गिरी के लिखे सुसाइड नोट में सात बार आत्महत्या शब्द लिखा है। आगे उन्होंने लिखा है मैं महंत नरेंद्र गिरी वैसे 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहा था,लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया।महंत ने अपने सुसाइड नोट में आतमहत्या करने की वजह भी बताई है। उन्होंने लिखा है मुझे हरिद्वार से सूचना मिली की एक दो दिन में आनंद गिरी कम्प्यूटर के जरिए मुझे बदनाम करने का आपत्तिजनक वीडियो वायरल करेगा, मैंने सोचा इसकी सफाई में कहां कहां क्या क्या कहूंगा इसी बदनामी के डर से मैं सुसाइड कर रहा हूं। प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ के गेस्ट हाउस से मंगलवार को महंत गिरी का शव मिला।
सुसाइड नोट में दो पेन का इस्तेमाल
11 पन्नों के सुसाइड नोट को देखकर लगता है कि लिखने में दो तरह के पेन का यूज किया है। वहीं,11 पन्नों में से 10 पन्नों में उन्होंने आखिर में महंत नरेंद्र गिरी लिखे साइन किए है जबकि आखिर के एक पन्ने में नरेंद्र गिरी ही लिखा है। पुलिस को नरेंद्र गिरी की आत्महत्या की सूचना उनके शिष्य बबलू ने दी थी। पुलिस को मिले 11 पन्नों में दिवंगत महंत ने और क्या बातें लिखी है? पुलिस की जांच से पता चलेगा। पुलिस इस सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच कर रही है। वहीं पुलिस आत्महत्या से दस घंटे पहले की मोबाइल कॉल डिटेल की जांच कर रही है।