ईडी ने 370 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में पीसीएच के निदेशक को गिरफ्तार किया

प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने 370 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में पीसीएच के निदेशक को गिरफ्तार किया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-10 12:31 GMT
ईडी ने 370 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में पीसीएच के निदेशक को गिरफ्तार किया

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 370 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में पीसीएच कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक बलविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बैंकों को 370 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले पीसीएच कॉरपोरेशन के निूदेशक बलविंदर सिंह को गत मंगलवार को हिरासत में लिया है। बलविंदर सिंह को बुधवार को हैदराबाद में विशेष अदालत के समझ पेश किया गया।

अदालत ने आरोपी को 23 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। इससे पहले सीबीआई ने बलविंदर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई ने इस संबंध में एक विशेष अदालत में चार्जशीट भी दायर की थी। सीबीआई की एफआईआर और चार्जशीट को आधार बनाकर ईडी ने भी बलविंदर सिंह के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के आरोप की जांच शुरू की।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि पीसीएच एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड, पीसीएच लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड,पीसीएच लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड और बलविंदर सिंह तथा अन्य ने चेन्नई के पंजाब एंड सिंध बैंक की जॉर्ज टाउन शाखा में इन कंपनियों ने अधिक टर्नओवर दिखाने के लिए नकली दस्तावेज जमा किये और फिर ऋण लिया। इन आरोपियों ने रिण मिलने के बाद धनराशि को दूसरे संस्थानों में दे दिया।

ईडी की जांच से यह खुलासा हुआ है कि इन कंपनियों ने कई सरकारी और निजी बैंकों से ऋण लिया और उनका भुगतान नहीं किया। ईडी ने बताया कि ऋण की राशि को शेल कंपनियों के माध्यम से हस्तांतरित किया जाता था। कुछ राशि बलविंदर सिंह और उसके परिजनों तथा रिश्तेदारों के निजी खाते में भी डाले गये।

ईडी के अनुसार बलविंदर सिंह को कई शेल कंपनियों के जरिये 53.97 करोड़ रुपये मिले। ये शेल कंपनियां कोई कारोबारी गतिविधि नहीं करती थीं और इनका इस्तेमाल सिर्फ धन हस्तांतरण के लिए किया जा रहा था। इस राशि को बलविंदर सिंह गैर सुरक्षित ऋण के रूप में दिखा रहा था। वह इनका इस्तेमाल अपने नाम पर या कंपनियों के नाम पर संपत्ति खरीदने में करता था और वापस इन संपत्तियों को गिरवी रखकर और कर्ज लेता था। इस मामले की अभी जांच जारी है।

आईएएनएस

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