कर्नाटक भ्रूणहत्या घोटाला: आरोपी नर्स का खुलासा, कूड़ेदान में मेडिकल कचरे के साथ फेंक दिए गए भ्रूण

कर्नाटक में कन्या भ्रूण हत्या घोटाले की जांच में कुछ चौंकाने वाले सच सामने आए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-02 18:08 GMT

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में कन्या भ्रूण हत्या घोटाले की जांच में कुछ चौंकाने वाले सच सामने आए हैं। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार हेड नर्स मंजुला ने खुलासा किया है कि 12 सप्ताह के भ्रूणों को मेडिकल कचरे के साथ कूड़ेदान में फेंक दिया गया था। पुलिस ने शनिवार को कहा, "उसने यह भी दावा किया था कि 6 महीने के भ्रूण का भी गर्भपात किया गया था और शवों को कावेरी नदी में बहा दिया गया था।" मंजुला मैसूर के माथा अस्पताल में काम करती थी, जहां गिरोह गर्भपात करता था। उसने पुलिस को बताया, ''गर्भ से बाहर निकालने के बाद 6 महीने के भ्रूण पांच से 10 मिनट तक जीवित रहते थे। मैं उन्हें एक कागज में लपेटकर निसार (आरोपी) को दे देती थी, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई सबूत न रहे और वह उन्हें कावेरी नदी में फेंक दे।''

पुलिस ने बताया कि आरोपी छह माह से गर्भपात करा रहा था। उन्होंने कहा था कि चूंकि उनके पास एडवांस स्कैनिंग मशीनें नहीं थीं, इसलिए वे कभी-कभी छह महीने का होने पर भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने में सक्षम होते थे। पुलिस ने बताया कि जब भी लिंग की पहचान करने में देरी होती थी तो कन्या भ्रूण को बाहर निकालने के लिए सिजेरियन ऑपरेशन किया जाता था।

कर्नाटक सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या घोटाले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी थी। हाल ही में बेंगलुरु में सामने आए भ्रूणहत्या घोटाले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी अब तक 3,000 कन्या भ्रूणों का गर्भपात करा चुका है। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने कहा था कि जांच से पता चला है कि आरोपी ने अब तक 3,000 गर्भपात कराए हैं और पिछले तीन महीनों में 242 कन्या भ्रूणों की हत्या कर दी गई है।

आरोपियों ने पैसा कमाने के लिए प्रति वर्ष 1,000 गर्भपात का लक्ष्य रखा था, क्योंकि वे प्रति गर्भावस्था समाप्ति के लिए 20,000 रुपये से 25,000 रुपये के बीच शुल्क लेते थे। यह घोटाला तब सामने आया जब 15 अक्टूबर को बयप्पनहल्ली पुलिस ने संदिग्ध रूप से घूम रहे एक वाहन को रोकने की कोशिश की। वाहन का चालक नहीं रुका और पीछा कर उसे पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने गर्भपात रैकेट के बारे में खुलासा किया। पुलिस ने इस घृणित गतिविधि में शामिल होने के आरोप में अब तक दो डॉक्टरों और तीन लैब तकनीशियनों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।

जांच से यह भी पता चला कि मांड्या जिले में एक गुड़ उत्पादन इकाई में लिंग निर्धारण परीक्षण किए गए थे, जहां आरोपियों ने एक प्रयोगशाला और संबंधित सुविधाएं स्थापित की थी और मैसूर के माथा अस्पताल में गर्भपात किया गया था।

--आईएएनएस

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