भास्कर पड़ताल: संभाग के तीनों जिले में सक्रिय हैं कोयला माफिया, हसदेव एरिया में राजनगर-रामनगर, जमुना कोतमा एरिया, सोहागपुर और जोहिला एरिया से प्रतिदिन लाखों रूपए की कोयला चोरी
- कोयला और रेत के अवैध खनन के लगातार बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए शहडोल पहुंची 3 सदस्यीय टीम
- मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी कोयला व रेत चोरी की रिपोर्ट
- प्रशासनिक महकमे में मचा हडक़ंप
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहडोल संभाग में कोयला और रेत मामलों में लगातार बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए तीन सदस्यीय टीम दौरे पर शहडोल पहुंची है। टीम में शामिल सदस्यों ने सोमवार को शहडोल कलेक्टर से मुलाकात भी की। बताया जा रहा है कि इनकी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सौंपी जाएगी। इधर, टीम के दौरे को लेकर प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मचा है। बतादें कि साउथ ईस्टर्न कोलफीलड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के चार एरिया की कोयला खदानें शहडोल संभाग में संचालित हैं। इसमें हसदेव एरिया अंतर्गत राजनगर-रामनगर के आसपास, जमुना कोतमा एरिया अंतर्गत बदरा व गोविंदा साइडिंग, सोहागपुर एरिया में रामपुर बटुरा व खैरहा, दामिनी व राजेंद्रा और जोहिला एरिया अंतर्गत नौरोजाबाद के आसपास कोयला माफिया सक्रिय हैं। प्रतिदिन लाखों रूपए का सैकड़ों टन कोयले की चोरी कर ठिकाने लगाया जाता रहा है।
कोयला खदानों के आसपास लंबे समय से सक्रिय कोयला माफिया की मनमानी से सीधे तौर पर सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है तो कोयला चोरी के मामलों से जुड़े लोगों के कारण अन्य अपराध भी पनप रहे हैं। शहडोल के ब्यौहारी में रेत माफिया के ट्रैक्टर से कुचलकर 25 नवंबर को पटवारी प्रसन्न सिंह और 4 मई को एएसआई महेंद्र बागरी की हत्या तक कर दी गई। 26 जनवरी 2022 को धनपुरी में बंद खदान में कोयला चोरी करने घुसे सात युवाओं की दम घुटने से मौत हो गई थी। ये युवा कोयला चोरी करने के लिए बंद खदान में इसलिए ही घुसे थे कि कहीं न कहीं चोरी का कोयला खरीदने वाले लोग मौजूद थे। ये ऐसे रसूखदार लोग हैं जिनके कारण युवा कोयला चोरी और दूसरे अपराधों की चंगुल में फंस रहे हैं। खासबात यह है कि पुलिस के हाथ अब तक इन रसूखदारों तक नहीं पहुंची।
ऐसे हो रही कोयले की चोरी
- एक टीपी से कई बार कोयला निकलने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसमें पहली बार कम दूरी में कोयला डंप किया जाता है फिर उसी टीपी से निर्धारित स्थान पर कोयला परिवहन किया जाता है। इसमें पहले अवैध स्थान तक पहुंचाया गया कोयला पूरी तक से चोरी का हो जाता है इसमें सभी हिस्सेदारी तय होती है।
- खदानों से कोयला चोरी का दूसरा मामला ऐसा होता है जिसमें आसपास गांव के लोग बारियों में भरकर कोयला ले जाते हैं। एक स्थान पर डंप करते हैं और फिर ट्रक में भरकर भेज दिया जाता है। - कोयला चोरी के लिए खदानों के बाहर सुरंग खोदकर कोयला खनन हो रहा है। इसमें भी कोयले का भंडारण कर फिर ट्रकों के माध्यम से सप्लाई किया जाता है।
- स्थानीय रहवासियों ने बताया कि एसईसीएल सोहागपुर एरिया अंतर्गत रामपुर कोयला खदान में बाउंड्रीवाल नहीं होने से खुलेआम कोयला चोरी हो रही है। बंगवार में जंगल के बीचो बीच पीछे से कोयला चोरी हो रही है। अमलाई ओपन कास्ट में ओवी के चारों ओर पहाड़ बन गया है। इसके उपर से चढक़र कोयला चोर खदान तक पहुंचते हैं और कोयला बोरियों में भरकर ले जाते हैं।