क्राइम: ढाबा में काम करने वाले अज्ञात अधेड़ मजदूर की मौत, पुलिस को बिना सूचना दिए जलाया गया शव

  • अधेड़ मजदूर की संदिग्ध मौत का मामला
  • सोशल मीडिया में मौत की तीसरे दिन सामने आई जानकारी
  • मामले को लेकर जताया जा रहा है संदेह

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-21 17:47 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना कोतवाली थाना क्षेत्र के मनौर ग्राम स्थित नेशनल हाइवे से लगे ढाबा में काम करने वाले एक अधेड़ मजदूर की संदिग्ध मौत का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया है। जिस ढाबे में अधेड़ काम करता था उसके संचालकों द्वारा पुलिस को सूचना दिए बगैर उसका अंतिम संस्कार कर दिए जाने से मौत के कथित संदिग्ध मामले को लेकर कई तरह के सवाल खडे हो गए है। घटना तीन दिन पुरानी 18 जुलाई 2024 की बताई जा रही है इस पूरे मामले को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मनौर स्थित नेशनल हाइवे के किनारे रज्जन यादव तथा उसके भाईयों द्वारा मनौर ढाबा के नाम से ढाबा संचालित किया जाता है इस ढाबे में लगभग 50 से 60 वर्ष की आयु का व्यक्ति जिसे शंकर नाम से पुकारते थे किन्तु वह कहां का रहने वाला था और इसका वास्तविक नाम और अता-पता की कोई जानकारी नहीं हैं। मानसिक रूप से कमजोर शंकर नाम के व्यक्ति को ढाबे वाले द्वारा बर्तन धोने और ढाबे में झाडू लगाने के लिए रख लिया था जो कि करीब एक साल से भी अधिक समय से ढाबे में ही रहकर बर्तन धोने और झाडू आदि लगाने का काम कर रहा था। जिसकी 18 जुलाई को दोपहर लगभग 02-2:30 बजे के आसपास मौत हो गई। अज्ञात मजदूर की मौत के बाद इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं दी गई और ढाबा संचालक परिवार द्वारा मृतक के शव को कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ ट्राली में ले जाकर उसका अंतिम संस्कार ढाबे में काम करने वाले ही एक कर्मचारी से मुखाग्नि देकर कराया गया।

मृतक उल्टी-दस्त से हुआ था बीमार, जरूआपुर में एक कथित डॉक्टर से करवाया गया उपचार

ढाबे में काम करने वाले जिस अधेड़ अज्ञात लावारिस मानसिक रूप से कमजोर मजदूर की मौत हुई है उस मजदूर को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी बताया जा रहा है कि ढाबा संचालक द्वारा समीप स्थित जरूआपुर में मझगवां से आकर क्लीनिक चलाने वाले एक कथित डॉक्टर को दिखवाकर 17 जुलाई को उसकी दवा कराई गई थी और इसके अगले दिन उसकी मौत हो जाने और बाद में शाम को मृतक का शव गांव स्थित एक नरिया के समीप ले जाकर संस्कार कर दिए जाने की जानकारी सामने आई है।

इनका कहना है

'लगभग एक साल पहले से हमारे ढाबे में शंकर काम करता था जो कि मानसिक रूप से कमजोर और ठीक से बोल भी नही पाता था उसकी भाषा भी हमें समझ नहीं आती थी। ढाबे में कुछ काम करता है और खाना पीना खाता रहेगा इस सोच के साथ हमने उसे ढाबे में रख लिया था। दिनांक 17 जुलाई को उसे उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी जिसके बाद जरूआपुर में क्लीनिक चलाने वाले खान डॉक्टर को दिखाया था। 18 तारीख को उसकी तबीयत को लेकर बातचीत की जो अपने आप को ठीक बता रहा था इसके बाद शाम को करीब ३ बजे के आसपास उसकी अचानक मौत हो गई। जिसके बारे में गांव वालों को बताकर हम लोगो द्वारा उसका अंतिम संस्कार ढाबे के एक कर्मचारी से करवाया दिया। मृतक का वास्तविक नाम, पता अभी नहीं मालूम क्योकि पूंछने पर वह यह बता भी नहीं पा रहा था।'

रज्जन यादव, ढाबा संचालक मनौर ढाबा

'मामले को लेकर किसी ने अभी तक शिकायत नहीं की है चर्चाओं से मिली जानकारी में पता किया तो यह बात सामने आई कि मजदूर ढाबे में काफी समय से काम कर रहा था यह सही है कि ढाबा संचालक द्वारा मजदूर की मौत की जानकारी पुलिस को नही दी गई है। इस मामले की जांच करेगें और जो भी तथ्य सामने आयेगें उस पर कार्यवाही की जायेगी।'

रोहित मिश्रा, नगर निरीक्षक कोतवाली पन्ना  

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