आर्वी: मुख्याधिकारी को निलंबित करने की मांग
- निलंबित करने की मांग
- व्यवसायियों पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर नियमबाह्य कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, आर्वी. स्थानीय मुख्याधिकारी डॉ किरण सुकलवाड़ ने 2 दिसंबर को बगैर किसी सूचना मात्र द्वेष भावना से आर्वी तहसील के समक्ष पिछड़ावर्गीय व्यवसायियों पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर नियमबाह्य कार्रवाई की। जिससे फूटफाथ दुकानदारों का काफी नुकसान हुआ। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए स्थानीय मुख्याधिकारी को तुरंत निलंबित कर अनुसूचित जाति कानून अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग को लेकर विभिन्न संगठन के नेतृत्व में फूटपाथ विक्रेताओं ने बुधवार, 12 दिसंबर को उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। तहसील कम्पाउंड की दीवार समीप गत 50 वर्ष से चर्मकार समाज के लोग फुटपाथ पर बैठक अपना व्यवसाय करते है। साथ ही अन्य व्यावसायिक भी काम कर रहे है। आजतक किसी भी तरह से यातायात में बाधा निर्माण नहीं हुई। जिससे अबतक अतिक्रमण नहीं हटाया गया। लेकिन बगैर किसी सूचना दिए नप मुख्याधिकारी ने अतिक्रमण हटाकर व्यावसायियों का लाखों रुपए का नुकसान किया।
वहीं अमिरों के दुकानों को छोड़ा गया। इतना ही नहीं तो मनोहर मोटवानी व अन्य के गैरकानूनी निर्माणकार्य हटाने के उच्च न्यायालय के निर्देश से जिलाधिकारी के आदेश होकर भी मुख्याधिकारी उन्हें संरक्षण दे रहे है। जिससे मुख्याधिकारी को तुरंत निलंबित करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया। आंदोलन में वर्धा पिरिपा के अध्यक्ष मेघराज डोंगरे, उपाध्यक्ष शामलाल मसरे, भीम टायगर सेना के प्रदीप मेंढे, विनोद पायले, आदर्श एकता सामाजिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कुंभारे, सचिव संदीप सरोदे, वंचित के प्रवीण मनवर, कमलेश कामडी, मनीश चवरे, अमोल रंगारी, राजाराम डोंगरे, बंडू पाचोड सहित बड़ी संख्या में विक्रेता शामिल हुए।