शर्तें हुई शिथिल: विदर्भ में नजूल जमीन अब खुद के नाम पर करने की राह हुई आसान

विदर्भ में नजूल जमीन अब खुद के नाम पर करने की राह हुई आसान
  • 5-6 दशकों से चल रही थी मांग
  • उपविभागीय कार्यालय में शिविर कल तक
  • शिविर का लाभ लेने का आह्वान

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। विदर्भ में नजूल की जमीन खुद के नाम पर होने की मांग गत 5-6 दशकों से चल रही थी। मगर इसे कहीं से भी हरी झंडी नहीं मिल रही थी। जिससे हजारों शिकायतें संबंधित विभाग की ओर नजूल जमीनधारकों ने की थी। मगर अब उम्मीद की किरण नजर आयी है। पूरे विदर्भ के 11 जिलोंे में नजूल जमीन खुद के नाम पर करना आसान हुआ है। यही नहीं वह सरकारी जमीन पहले भोगवटदार 2 रहती थी। मगर अब यह भोगवटदार 1 में तब्दील होनेवाली है। जिससे इन लोगों को भविष्य में जमीन बेचने पर बाजार का सही दाम मिलने के रास्ते खुल गए हैं।

अब सरकार की ओर से अधिकृतरूप से विदर्भ के 11 जिलों में नजूल जमीन का नूतनीकरण करना, पट्टा हासिल करना, भोगवटदार 2 को 1 में परिवर्तीत करना ऐसे सभी काम 27 और 28 अगस्त को हर विभागीय अधिकारी कार्यालय के स्तर पर किए जानेवाले हैं। जिससे लोगों को अपने पास के तहसील में ही यह सुविधा उपलब्ध होनेवाली है। जिससे यह लोग खुशी से फुले नहीं समा रहे हैं। यवतमाल में 27 और 28 अगस्त को उपविभागीय कार्यालय यवतमाल के साथ अन्य उपविभागीय कार्यालय में भी यह शिविर आयोजित किया गया है। अबतक सरकारी जमीन का अतिक्रमण नियमानुसार होना एक बड़ी बात थी।

इसके लिए भी अधिकारियों के जेब गर्म करने पड़ते थे। मगर अब जनता की तकलीफ सोच समझकर राज्य सरकार ने उक्त निर्देश दिए हैं। जिससे बड़ी संख्या में लोग उनके नजूल के जमीन के कागजाद बनाने के लिए इस शिविर में शामिल होनेवाले हैं। इसके लिए जमीन धारक को इस जमीन के पुराने कागजात, किराए से रहे रहे हैं तो किराया पत्र, जमीन के खरीदी बिक्री के कागजात, फेरफार, मिलकत पत्रिका, नजूल शीट, नक्शा आदि कागजात साथ लाने होंगे। जिसके बाद यह जमीन बी से बदलकर वर्ग 1 में परिवर्तित की जाएगी। नागरिकों ने जरूरी कागजात के साथ यवतमाल उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहने का आह्वान प्रशासन व्दारा किया गया है।

दो दिन के कैम्प में हो जाएगा भोगवटदार 2 से 1 : नजूल की जमीने मिली है, उन जमीनों का नूतनीकरण करना, भोगवटदार 2 से 1 करना आदि कार्य 27 और 28 अगस्त को एसडीओ कार्यालय यवतमाल में तुरंत किए जानेवाले हैं। जिससे इसका लाभ हर नजूल जमीन धारक उठाए। - गोपाल देशपांडे, एसडीआे, यवतमाल

Created On :   27 Aug 2024 1:12 PM GMT

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