सिवनी: दो करोड़ के धान घोटाले में बोरी गांव से जुड़े तार, डेढ़ दर्जन संदिग्धों से पूछताछ जारी,आज मुख्य आरोपी की रिमांड खत्म

  • दो करोड़ के धान घोटाले में बोरी गांव से जुड़े तार
  • डेढ़ दर्जन संदिग्धों से पूछताछ जारी,आज मुख्य आरोपी की रिमांड खत्म

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-02 09:44 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। बरघाट ब्लॉक की सेवा सहकारी समिति ताखलाकला में करीब दो करोड़ के धान घोटाले के तार ग्राम बोरी से जुड़े मिले हैं। पुलिस को पता लगा है कि जिन ट्रकों से धान का परिवहन किया गया है वे ट्रक बोरी में किसी व्यक्ति के हैं। फिलहाल जिस संदिग्ध का नाम सामने आया है वह फरार है। पुलिस डेढ़ दर्जन संदिग्धों को पकडक़र पूछताछ कर रही है। पुलिस का शक है यह बड़ा घोटाला पूरी टीम बनाकर किया गया है। हालांकि इसका मुख्य सरगना निलंबित हो चुके प्रबंधक सत्यनारायण बघेल ही बताए जा रहे हैं। पुलिस ने उसे दो दिन की रिमांड पर लिया है जिसकी रिमांड शुक्रवार को खत्म हो जाएगी। बरघाट पुलिस का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल लगातार जारी है। फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि धान कहां गई।

१२ दिनों में ही पूरा गड़बड़झाला

खरीदी केंद्र ताखलाकला में धान का यह घोटाला १२ दिनों में ही हो गया। ८ से २० जनवरी के बीच २८ बार ट्रकों में धान लोड कर उसका परिवहन करना बताया गया।आरोपियों ने ऑफलाइन बिल्टी बनाकर ट्रक चालान जारी कर दिए।आफ लाइन परिवहन के संबध में वरिष्ठ अधिकारी एवं कार्यालय को जानकारी नहीं दी गई। आफलाइन परिवहन का केवल साधारण रजिस्टर में लेख गया गया जो कि उपार्जन नीति के नियम खिलाफ था। जबकि नियमानुसार आनलाईन परिवहन किया जाना था। कूटरचित बिल्टी का परिक्षण एवं सत्यापन नही किया गया।आफ लाइन परिवहन की कूटरचित ट्रक चालान बिल्टी के आधार पर परिवहन किए जाने के संबंध में गलत प्रक्रिया अपनाई गई।

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चपत लगाने वाले को फिर दिया मौका

इस पूरे मामले में यह बात सामने आई है कि ताखलाकला समिति में पूर्व में गड़बड़ी आने और शासन को चपत लगाने के बाद भी उसे दोबारा धान खरीदी केंद्र का प्रभार दे दिया गया। जिले के जिन आठ समितियों को धान खरीदी का जिम्मा देने का प्रस्ताव दिया गया था उसमें सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखलाकला का भी नाम शामिल था। इसका प्रस्ताव जिला सहकारी बैंक के मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने २४ नवंबर को भेजा था। जबकि तालखाकला समिति पूर्व से ही नुकसान में चल रही है और वहां के निलंबित प्रबंधक ने काफी गड़बड़ी की थी। गबन के मामले में पूर्व में सत्यनारायण बघेल जेल जा चुके हैं। वहीं उनके यहां लोकायुक्त की कार्रवाई भी हो चुकी है। इतने बड़े घोटाले के बाद भी केंद्र आबंटन करना स्थानीय अफसरों की संलिप्तता नजर आ रही है।

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खरीदी गई धान फिर से बिकी!

ताखलाकला समिति से कुल ८९३६ क्विंटल धान कहां गई यह तो पता नहीं चल पा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि गायब की गई धान को फिर से दूसरे केंद्रों में व्यापारियों की साठगांठ से किसानों के नाम पर बेचा गया है। पूछताछ में मुख्य आरोपी सत्यनारायण बघेल गोलमोल जवाब दे रहा है। वह पूछताछ में यह नहीं बता पा रहा है कि धान किसके माध्यम से ट्रक में लोड कराई गई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी आरोपी बनाए जाएंगे। सभी स्तर पर जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल विभाग के लिए गायब की गई धान का मामला सिरदर्द बन गया है। जब अब तक धान मिलेगी नहीं तब तक किसानों को पैसा नहीं मिलेगा।

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इनका कहना है

कईसंदिग्ध लोगों से पूछताछ हा रही है। मुख्य आरोपी पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सभी स्तर से जांच कराई जा रही है।

केपी टेकाम, थाना प्रभारी बरघाट

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