सिवनी: घर-घर देंगे दस्तक, बच्चों की सेहत जांच देंगे विटामिन ए, जिले में हुई दस्ताक अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत

  • घर-घर देंगे दस्तक, बच्चों की सेहत जांच देंगे विटामिन ए
  • जिले में हुई दस्ताक अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-02 04:30 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। बच्चों की बेहतर सेहत और कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से जिले में दस्तक अभियान का दूसरा चरण शुरु हो गया है। नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को वर्ष में 2 बार विटामिन ए घोल के अनुपूरण कराए जाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जिले में दस्तक अभियान के माध्यम से प्रतिवर्ष 2 चरणों में हितग्राही बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से दस्तक अभियान का दूसरा चरण 30 जनवरी से 28 फ रवरी तक किया जा रहा है। अभियान के दौरान 159837 बच्चों को सेवाएं दी जाएगी। सीएमएचओ डॉ जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि इस दौरान स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण एवं दस्तक अभियान प्रथम चरण में 6 माह से 5 वर्ष के चिन्हित एनीमिक बच्चों में डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर से हीमोग्लोबिन की फॉलोअप जांच एवं प्रबंधन किया जाएगा।

बच्चों के लिए फायदेमंद

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ आरके धुर्वे ने बताया कि जिले में अभियान अंतर्गत 159837 बच्चों को विटामिन ए घोल की खुराक दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बच्चोंं में विटामिन ए अनुपूरण के कई लाभ होंगे जिसमें यहां बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक, बच्चों की वृद्धि एवं विकास में सहायक, आंखो संबंधी समस्या के निदान में सहायक, मीजल्स से होने वाली मृत्यु में कमी, विटामिन ए के अनुपूरण से 20 प्रतिशत शिशु मृत्यु को कम किया जा सकता है।

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रखी जाएगी पूरी निगरानी

दस्तक अभियान में एएनएम द्वारा तथा एएनएम की निगरानी में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सेवाएं दी जाएगी। ग्राम स्वास्थ्य,स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दिन विटामिन ए अनुपूरण तथा शेष सेवाएं दी जाएगी तथा छूटे हुए बच्चों को दूसरे दिन मॉपअप दिवस में घर-घर जाकर एएनएम की निगरानी में विटामिन ए का अनुपूरण किया जाएगा। ज्ञात हो कि पहले चरण में भी बच्चों को दवा पिलाई गई थी। वहीं छूटे हुए बच्चों की पहचान की गई थी। अभियान का उद्देश्य है कि बच्चों में कुपोषण न हो। वे किसी भी गंभीर बीमार से ग्रसित न हों।

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