सिवनी: नहीं तपा नौतपा का पहला दिन, दो साल में चार बोर फेल, डैम से जोड़े जाएं क्षेत्रीय गांव
- नहीं तपा नौतपा का पहला दिन
- दो साल में चार बोर फेल, डैम से जोड़े जाएं क्षेत्रीय गांव
- कहीं दो-तीन दिन में तो कहीं हफ्ते भर में आ रहा पानी, पहले दिन तापमान कम लेकिन उमस ज्यादा
डिजिटल डेस्क, सिवनी। शनिवार से नौतपा की शुरुआत हो गई। हालांकि उम्मीद के विपरीत नौतपा की शुरुआत ठंडी रही। तापमान एक दिन पहले के मुकाबले एक डिग्री कम रहा। हालांकि उमस शनिवार को भी परेशान करती रही। गर्मी के इन दिनों में पानी की परेशानी भी लोगों के लिए ेएक समस्या बनी हुई है। जिले में आदेगांव जैसे स्थानों में सप्ताह में एक बार तो छपारा जैसे स्थानों में दो-तीन दिनों में एक बार पानी की सप्लाई हो रही है। वहीं भीमगढ़ जैसे इलाके बांध के नजदीक स्थित होने के बावजूद पानी के लिए तरस रहे हैं।
तापमान में कमी, उमस में इजाफा
जिले में शनिवार से नौतपा की शुरुआत हुई। इन दिनों में सबसे ज्यादा गर्मी पडऩे की संभावना जताई जाती है। लोक मान्यता है कि इन दिनों में अच्छी गर्मी पड़ती है। शनिवार को जिला मुख्यालय में अधिकतम तापमान ३८.४ डिग्री सैल्सियस तक ही पहुंच पाया। दिनभर बादलों की आवाजाही बनी रही। जिले के दूसरे स्थानों में भी लगभग ऐसा ही हाल रहा। बादलों और वातावरण में मौजूद ह्यूमिडिटी के कारण उमस लोगों को परेशान करती रही।
नौतपा में भी बारिश की आशंका
नौतपा के नौ दिनों में बारिश नहीं होनी चाहिए। नहीं तो मानसून अच्छा नहीं रहता, ऐसी लोकमान्यता है लेकिन मौसम विभाग ने जिले में अभी भी कहीं-कहीं बारिश की संभावना व्यक्त की है।
पानी की समस्या गहराई
जिले में कई स्थानों पर गर्मी के मौसम में पानी की समस्या से लोग दो-चार हो रहे हैं। जिले के आदेगांव में वैसे तो सालभर ही पानी की परेशानी बनी रहती है लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की समस्या गहरा जाती है। यहां पर कई स्थानों में आठ दिनों मेें पानी की सप्लाई होती है। यहां पर पाइप लाइन काफी पुरानी और जर्जर हो गई हैं। जिन्हें बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसी प्रकार छपारा में भी टंकियों की कमी के कारण पानी की डायरेक्ट सप्लाई की जाती है। जिसके कारण कई स्थानों पर दो-तीन में एक बार पानी दिया जाता है।
भीमगढ़ बांध के इलाके प्यासे
जिले में स्थित एशिया के पहले विशाल मिट्टी के बांध संजय सरोवर से विभिन्न इलाकों में पानी की सप्लाई होती है लेकिन बांध से जुड़े इलाके के लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। भीमगढ़ में पिछले 12-14 वर्षों से स्थानीय लोग नहर से रिसने वाले पानी को एकत्र कर नल-जल योजना का संचालन आपस में चंदा कर कर रहे हैं। पिछले साल उनका एकत्र किया पानी एक व्यक्ति द्वारा मोटर चलाकर सिंचाई कर ली गई थी। जिससे सबक लेते हुए इस साल ग्रामीणों ने पहले ही पुलिस को सूचना दे दी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में बीते दो बरसों में चार बोर किए गए लेकिन सभी फेल हो गए। लोगों की मांग है कि उन्हें बांध से सीधी लाइन जोडक़र पानी दिया जाए। भीमगढ़, सुकरी आदि गांवों के लोगों का कहना है कि नल-जल योजना के लिए पाइप पिछले तीन-चार माह से डाल दिए गए हैं लेकिन अबतक पाइप नहीं जोड़े गए हैं।
सूख रहे हैं जलोत
जिले में बढ़ती गर्मी के कारण जल ोत सूख रहे हैं। जिला मुख्यालय में स्थित मठ तालाब सूख गया है। वहीं वैनगंगा का जल स्तर भी काफी कम हो गया है। दिन के समय लोग बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलते हैं। वहीं शाम के समय आइसक्रीम पार्लर आदि में भीड़ नजर आने लगी है। मौसमी फलों की भी अच्छी खासी आवक हो रही है। इन दिनों फलों के राजा आम की भी अच्छी आवक है लेकिन इस बार दाम बीते सालों के मुकाबले कम नहीं हैं।
कुछ ही दिन बढ़ा तापमान
जिले में गर्मी का यह मौसम उतना गर्म नहीं रहा। अप्रैल और मई महीने में कुछ ही ऐसे मौके आए जब तापमान ४० के पार गया। अप्रैल माह में तीन अप्रैल को ४०.०, १९ अप्रैल को ४०.२ और ३० अप्रैल को ४० डिग्री सैल्सियस अधिकतम तापमान रहा। इसी प्रकार मई के महीने में चार मई को तापमान ४०.४, पांच मई को ४१.४ डिग्री सैल्सियस रहा। बाकी दिनों में तापमान ४० डिग्री के नीचे ही बना रहा।