नेशनल लोक अदालत का आयोजन: किसी का परिवार फिर बसा तो किसी को मिली राहत, एक ही छत के नीचे मिला न्याय
- किसी का परिवार फिर बसा तो किसी को मिली राहत
- नेशनल लोक अदालत का आयोजन
- एक ही छत के नीचे मिला न्याय
डिजिटल डेस्क, सिवनी। केवलारी के सरंडिया के रहने वाले चंद्रशेखखर शरणागत की पत्नी गायत्री ने कभी सोचा नहीं था कि उसका परिवार फिर से बस जाएगा। कोर्ट में पति ने अर्जी लगाई और दोनों के बीच फिर से राजीनामा हो गया। फिर क्या था। कोर्ट में ही शादी के मंडप के समय की यादें ताजा हुई जब दोनों ने एक दूसरे को हार पहनाया। पति ने प्रॉमिस किया कि वह उसे कभी परेशान नहीं करेगा। हंसी खुशी दोनों वापस गए। यह एक ही मामला नहीं बल्कि अन्य भी मामले थे जहां बिछड़े परिवार एक हुए। दरअसल, शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया गया। अवसर पर कुटुंब न्यायालय के अलावा अन्य अदालतों व निजी व प्राइेवट संस्थाओं में लोगों को राहत मिली। जिले में लोक अदालत के लिए २२ खंडपीठें गठित की गई थी। लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं प्रधान न्यायाधीश सतीशचंद्र राय ने किया।
प्रकरण एक
बंडोल के कलारबांकी निवासी जयदीप चौधरी का विवाह शहडोल निवासी रितु चौधरी के साथ २१ जून २२ को हुआ था। शादी के कुछ समय बाद दोनों के बीच मनमुटाव हुआ तो रितु अपने मायके चले गई थी। जयदीप ने कोर्ट में धारा नौ के तहत प्रकरण दायर किया था। लोक अदालत में दोनेां पक्ष मौजूद हुए और फिर से साथ रहने का वादा किया और राजीनामा हो गया।
प्रकरण दो- बलारपुर निवासी दिलीप साहू और उसकी पत्नी पूनम साहू के बीच प्रकरण चल रहा था। दिलीप की पत्नी मायके में रह रही थी। दो बच्चे भी उसके साथ में थे। उसने कोर्ट में अर्जी लगाई। लोक अदालत में दोनों के बीच सुलह हुआ। फिर से एक हुए दंपति ने एक दूसरे को हार पहनाया। इसके बाद जजों ने भेंट स्वरूप पौधा दिया। साथ ही कहा कि अपनी ही तरह इस पौधे का भी ध्यान रखना होगा।
प्रकरण तीन
लोक अदालत में बिजली कंपनी की ओर से भी छूट की सुविधा उपभोक्ताओ के लिए दी गई थी। यहां पर बिजली बिल के अलावा अन्य प्रकरणों में छूट का लाभ दिया गया। उगली के जामुनप्रसाद पवार पर २६ जून २३ को बिजली का चोरी का प्रकरण बना था। केस का निराकरण १९ सौ रुपए देकर हो गया। इसी प्रकार कृष्णा सोनवाने पर भी बिजली चोरी का प्रकरण बना था। कृष्णा ने ४६९४ रुपए देकर प्रकरण का निपटारा कराया।
१३३५ प्रकरणों का किया गया निराकरण
नेशनल लोक अदालत में 1335 प्रकरणों का निराकरण कर 2490 पक्षकारों को लाभांवित किया गया। इस दौरान 3.70 करोड़ से से अधिक के आवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत में 22 खंडपीठों में समझौता योग्य २२४२ आपराधिक प्रकरण में 225 प्रकरण निराकृत किए गए। इसी प्रकार चैक बाउन्स के 49 ,मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 63 ,सिविल के प्रकरण 18 ,विद्युत अधिनियम 29 ,पारिवारिक विवाद से संबंधित 30 ,उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण मामलों के 4 और अन्य मामलों 32 ,पूर्व वाद प्रकरणों में बैंक वसूली के 141, विद्युत अधिनियम के पूर्व वाद के 456 ,नगरपालिका के जलकर के 234 प्रकरण निराकृत हुए। इसके अतिरिक्त अन्य प्रिलिटिगेशन के 4 प्रकरण निराकृत हुए। जिला मुख्यालय सिवनी, लखनादौन एवं घंसौर हेतु एक न्यायाधीश एवं एक सुलहकर्ता सदस्यों से गठित 22 खंडपीठों का गठन किया गया था।
ये रहे मौजूद
नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला न्यायाधाीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष सतीश चन्द्र राय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग हॉल में दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रवि कुमार गोल्हानी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनीषा बसेर, जिला न्यायाधीश केएम अहमद, बलवीर सिंह धाकड़, जयदीप सिंह सोनबर्से, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव लक्ष्मण कुमार वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तेज प्रताप सिंह, जिला रजिस्ट्रार ठाकुर प्रसाद मालवीय अन्य न्यायाधीशगण उपस्थिति में किया गया।