दिल्ली बेसमेंट कैस: सात और तलघर आए सामने, नियम का पालन कहीं नहीं, कलेक्टर के निर्देश पर चल रहा सर्वे, 52 हो गई अब तक संख्या

  • सात और तलघर आए सामने, नियम का पालन कहीं नहीं
  • कलेक्टर के निर्देश पर चल रहा सर्वे
  • 52 हो गई अब तक संख्या

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-09 04:51 GMT

कहां कितने तलघर

सिवनी - 17

बरघाट - 13

छपारा - 10

लखनादौन - 07

केवलारी - 05

डिजिटल डेस्क, सिवनी।  देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में बेसमेंट (तलघर) स्थित लाइब्रेरी में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत की घटना के बाद कलेक्टर संस्कृति जैन के निर्देश पर सिवनी सहित छपारा, केवलारी, बरघाट व लखनादौन में तलघरों का सर्वे किया जा रहा है। विगत दिवस तक इन पांचों स्थानों पर 44 तलघर मिले थे, जिनकी संख्या बढक़र अब 52 हो गई है। सिवनी में 07 व केवलारी में 01 और तलघर मिले हैं। बताया जा रहा कि इन तलघरों में अधिकतर की परमिशन ही नहीं ली गई है और बिना अनुमति के अवैध तरीके से निर्माण कर लिया गया है। अवैध तरीके से बनाया तो गया ही है, साथ ही मौके पर बेसमेंट के नियम-कायदों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि 31 जुलाई को दैनिक भास्कर ने ‘एक के बाद एक तन रहीं इमारतें, बेसमेंट निर्माण पर ताक पर नियम-कायदे’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया था। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर सिवनी सहित छपारा, बरघाट, केवलारी व लखनादौन में भी तलघरों का सर्वे कर उन्हें सूचीबद्ध किया जा रहा है।

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जारी नहीं हुए नोटिस

जांच में अधिकतर तलघर बिना परमिशन के अवैध तरीके से बनाए जाने की जानकारी सामने आई है। वहीं कहीं भी तलघर .के मापदण्डों का पालन तक नहीं किया जा रहा है। अब तक जांच में जो 52 तलघर मिले हैं, उनमें से किसी को नोटिस भी जारी नहीं हुआ है। सिवनी नगर पालिका स्थित सूत्रों के अनुसार सिवनी में अब तक सामने आए 17 तलघर का निर्माण करने वालों को नोटिस सहित आगामी कार्रवाई कलेक्टर के निर्देश पर की जाएगी।

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क्या हो रहा, क्या होना चाहिए

तलघर में पार्किंग व गोदाम संचालित किए जाने का नियम है, लेकिन जिले में तलघरों में गोदाम व पार्किंग का संचालन तो किया ही जा रहा है, साथ ही शोरूम, बर्तन दुकान, किराना दुकान, जनरल स्टोर, लॉल, रेस्टॉरेंट, ऑनलाइन सेंटर और कम्प्यूटर क्लास भी संचालित हो रहे हैं। नियम के तहत बेसमेंट में ब्लोअर, एग्जास्ट फेन या एयर कंडीशनर लगाया जाना आवश्यक है। बेसमेंट में दो रास्ते होने चाहिए। स्प्रिंकलर सिस्टम भी होना चाहिए, ताकि आग लगने की स्थिति में नियंत्रण हो सके। पंप भी होना चाहिए, ताकि पानी भरने की स्थिति में उसे बाहर निकाला जा सके। बेसमेंट की ऊपर-नीचे की चारों ओर की दीवारों में वाटर प्रूफिंग कराया जाना आवश्यक रहता है, लेकिन जिले में बेसमेंट निर्माण के नियम-कायदों को ताक पर रख दिया गया है।

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