Seoni News: बड़े सब्जबाग दिखा कर दिए चकनाचूर, आह भर रहे लोग, रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स ने की भारी गफलत

  • बड़े सब्जबाग दिखा कर दिए चकनाचूर, आह भर रहे लोग
  • रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स ने की भारी गफलत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-16 11:55 GMT

Seoni News: रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स फर्म ने जिला मुख्यालय से लगी डोरली छतरपुर पंचायत क्षेत्र में रहवासी कालोनी ड्रीमलैण्ड सिटी-2 बनाकर शहरवासियों को झांसा देने में कोई कोरकसर बाकी नहीं छोड़ी। इस फर्म के कर्ताधर्ताओं ने प्लाट बेचने के नाम पर बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाकर लोगों के अरमानों को चकनाचूर कर दिया। कालोनी में न ही सडक़ बनाई गई है और न ही नाली का निर्माण किया गया है। कालोनाइजर द्वारा पीने के पानी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इतना ही नहीं टीसी कनेक्शन लेकर हर माह तीन से चार गुना बिजली बिल भरने को मजबूर हैं। ड्रीमलैण्ड सिटी-2 कालोनी में प्लाट लेकर अपने मकान बनाने वाले आह भर रहे हैं। उनके द्वारा कालोनाइजर पंकज मालू, विजय बोरूदिया व फर्म के अन्य पार्टनरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।

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12 साल में नहीं दे पाए सुविधाएं

रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स के कर्ताधर्ताओं ने ड्रीमलैण्ड सिटी-2 में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर कभी गंभीरता नहीं बरती। एसडीएम सिवनी से कालोनी विकास की अनुमति 14 दिसंबर 2012 को ली गई थी और 3 साल में वर्ष 2015 तक कालोनी का विकास करना था। 3 साल की जगह 12 साल बीतने जा रहे, लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया। कालोनीवासी कौशल्या यादव, किरण नेमा, रामकली यादव, रीमा उइके आदि का कहना था कि मजबूरी में टीसी कनेक्शन लेकर रह रहे हैं और 2 से 6 हजार रुपए तक बिजली बिल भरने मजबूर हैं। नाली, सडक़ तक नहीं बनाई गई है। कालोनाइजर्स द्वारा पीेने के पानी के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर भी कालोनी में कुछ नहीं किया गया है। विकास अनुमति के अनुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तीन ग्राउण्ड प्लस 2 अपार्टमेंट का निर्माण भी किया जाना था, जिनमें एक 36 व दो 35-35 आवास बनने थे, लेकिन कालोनाइजर्स ने ये निर्माण कार्य भी नहीं किए गए।

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बंधक प्लाट तक का अता-पता नहीं

वर्ष 2012 में विकास अनुमति देने के पूर्व 103 प्लाट बंधक रखे गए थे। एक दशक बाद भी विकास कार्य न कराने पर कालोनीवासी सोनू खुशलानी ने 7 सितंबर 22 को एसडीएम से शिकायत की, जिस पर एसडीएम न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया। इस साल की शुरुआत में 12 जनवरी 24 को कालोनी के 103 बंधक प्लाट नीलाम कर शेष विकास कार्य पूर्ण करने के आदेश तहसीलदार सिवनी को एसडीएम न्यायालय द्वारा दिए गए थे। 9 माह तक यह आदेश तहसीलदार कार्यालय में दबा रहा। लगातार शिकायतों व आरोपों के बीच इस माह बंधक प्लाटों के चिन्हांकन व सीमांकन के लिए आरआई व पटवारियों की टीम गठित की गई। टीम 8 अक्टूबर को मौके पर जब पहुंची तो बंधक प्लाटों का ही अता-पता नहीं चला। सामने आया कि रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स के कर्ताधर्ताओं ने 2 मार्च 22 को ड्रीमलैण्ड सिटी पार्ट 2 का लेआउट ही उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश छिंदवाड़ा से संशोधित करा लिया गया है और कुल 411 प्लाटों वाली इस कालोनी को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। कालोनी को दो हिस्सों में बांटने के 5 माह बाद शिकायत पर एसडीएम न्यायालय में प्रकरण कायम हुआ, जिस पर 12 जनवरी 2024 तक दोनों पक्षों की सुनवाई चलती रही, लेकिन इसके बावजूद कालोनी को दो हिस्सों में बांटे जाने के तथ्य को एसडीएम न्यायालय से छिपाया गया।

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सवालों के घेरे में राजस्व विभाग

ड्रीमलैण्ड सिटी-2 का मामला तूल पकडऩे के बाद अब राजस्व विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। एक महिला अधिकारी तो 9 माह तक 103 बंधक प्लाट को नीलाम करने की प्रक्रिया को दबाए बैठी रहीं। अब टीम गठित करने के बाद मौके पर केवल एक दिन ही दस्तक दी गई। आगामी कार्रवाई करने से राजस्व विभाग के अधिकारी व अमला बच रहा है।

कालोनाइजर्स पर हो कार्रवाई

सब्जबाग दिखाकर प्लाट बेचे गए। मूलभूत विकास कार्य तक नहीं कराए गए। बंधक प्लाट तक खुर्द-बुर्द हो गए हैं। कालोनाइजर्स पर प्रकरण दर्ज होना चाहिए।

- सोनू खुशलानी

ड्रीमलैण्ड सिटी के कर्ताधर्ताओं ने विकास अनुमति की शर्तों का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लोगों का हक भी मार लिया। इन पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाना चाहिए।

- परमानंद जायसवाल

प्लाट खरीदकर मकान बनाने के बाद मजबूरी में टीसी कनेक्शन लेना पड़ा। हर माह 3 से 4 हजार रुपए बिजली बिल भरना पड़ रहा है। सडक़ तक नहीं बनाई गई है।

- सुखलाल परते

कालोनी में सडक़, बिजली, पानी की कोई सुविधा नहीं है। नाली का निर्माण तक नहीं किया गया है। बारिश में चलना तक दुश्वार हो जाता है। काफी परेशानी के बीच गुजर-बसर हो रही। यहां के सभी निवासी परेशान हैं।

- शिवेश भांगरे

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