Seoni News: बेबस मरीजो की दलाली कर रहे प्राईवेट लखनादोंन हॉस्पिटल के डॉक्टर हो रहा मरीजो के जीवन खिलवाड़

  • बेबस मरीजो की दलाली कर रहे प्राईवेट लखनादोंन हॉस्पिटल के डॉक्टर
  • हो रहा मरीजो के जीवन खिलवाड़

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-27 06:24 GMT

Seoni News: लखनादोंन :- कई मरीज गंभीर अवस्था में ही सरकारी अस्पताल जाते है, क्योंकि उनके पास प्राइवेट अस्पतालों का खर्च उठाने की हैसियत नहीं होती है। लेकिन कुछ एजेंट और दलाल इस कदर अपने निजी स्वार्थ में चूर है की उन्हें किसी के आर्थिक हालत से कोई मतलब नहीं है। जी हाँ, हम बात कर रहे है कुछ दलालों और एजेंटों की जो गरीब मरीजों की मज़बूरी का फायदा उठा कर उन्हें प्राइवेट अस्पताल भेज देते है। जहाँ उनसे मनमाने ढंग से पैसा वसूला जाता है और हालत गंभीर होने पर वापस सरकारी अस्पताल भेज दिया जाता है।

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प्राइवेट हेल्थ सिटी हॉस्पिटल जो कटंगी बाय पास जबलपुर के प्राइवेट अस्पतालों में चल रही है जिसका सेटउप प्राईवेट लखनादोंन हॉस्पिटल के डॉक्टर जितेंद्र अवस्थी से है, जिन मरीजों को गंभीर अवस्था में शासकीय सिविल अस्पताल लखनादोंन से जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया जाता है। परंतु उन मरीजों को बेहला फुसलाकर लखनादोंन मे स्थित प्राइवेट लखनादोंन हास्पिटल मे डॉक्टर के रूप मे पदस्थ जितेंद्र अवस्थी अन्य बाहरी प्राईवेट अस्पतालो की दलाली करने मे लगे रहते हैं। महज कुछ रुपयों के लिए ये अस्पताल मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है।जो इस तरह मामले की जांच सिवनी कलेक्टर महोदय संज्ञान लेते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की जाँच टीम को आदेशित करने चाहिए ताकि किसी के जीवन के साथ खिलवाड दोबारा न हो सके। प्राईवेट लखनादोंन हॉस्पिटल के डॉक्टर जितेंद्र अवस्थी से सवाल किया गया तो कुछ भी कहने को साफ मना कर दिया गया ।

हालत बिगड़ने पर मरीज को परिजनों ने वापस लखनादोंन लाया,

जब भास्कर टीम ने पड़ताल किया तो मरीज के परिजन पत्नी सुखवती बाई व मरीज का भाई अन्नी लाल के साथ मरीज राजकुमार बेलबंसी ने बताया कि करीब 20 अगस्त को दुर्घटना हुई,मरीज के परिजनों सिविल अस्पताल लखनादोंन मे भर्ती कराया, मरीज की हालत गंभीर देखते हुए शासकीय मेडिकल कॉलेज जबलपुर के लिए रिफर किया गया, तभी प्राईवेट लखनादोंन हास्पिटल मे पदस्थ डॉक्टर जितेंद्र अवस्थी अपने निजी कार से मरीज और उसके परिजनों को बेहला फुसलाकर कटंगी बायपास जबलपुर मे स्थित हेल्थ सिटी हॉस्पिटल मे भर्ती करता है,जब मरीज के परिजनों ने इस बात का विरोध किया की हमे सरकारी अस्पताल क्यों नही ले गए हमारे पास पैसे भी नही है, तो डॉक्टर जितेंद्र अवस्थी कहता है की यहाँ बहुत अच्छे से इलाज होता है और पैसे की कोई चिंता भी नही करनी है, हम जैसा कहेंगे वैसा ही करना है, इस तरह से मरीजो का इलाज करीब 15-20 दिनों तक चलता रहा और जब

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आराम भी नही लगा हालत गंभीर होने लगी तो मरीज के परिजनों ने सिटी हेल्थ हॉस्पिटल से छुट्टी लेने को कहा, तो उन्होंने मरीज के परिजनों से 30 हजार जमा करवा लिया इसके पूर्व मे ही मरीज की पर्सनल मोबाइल सिम भी रख लिया और फिर जबलपुर का स्थानीय वकील को बुलाकर मरीज व परिजनों के अंगूठा, हस्ताक्षर अन्य डॉक्यूमेंट मे करवा लिया, इस तरह रिफर लेटर, आधार व अन्य डॉक्यूमेंट मांगने पर वापिस नही किया गया,है जब इस बात की चर्चा लखनादोंन हास्पिटल मे पदस्थ जितेंद्र अवस्थी किया तो कुछ कहने से साफ मना कर दिया और न ही इस अस्पताल के जिम्मेदार डॉक्टरों ने कुछ भी नही कहा, अभी बर्तमान मे मरीज को गंभीर हालत मे लेकर परिजनों लखनादोंन के अस्पतालो के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है

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