सिवनी: बारिश ने बिगाड़ा खरीफ फसलों का गणित

  • विभाग ने दिया वैकल्पिक फसलों का सुझाव, ताकि हो सके किसानों की भरपाई
  • हाल की बारिश में जिले में कुल 441 गांव प्रभावित हुए हैं।
  • जिले में 5932 हेक्टेयर की फसलों को क्षति पहुंची है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-26 07:58 GMT

डिजिटल डेस्क,सिवनी। जिले में इस सप्ताह अच्छी खासी बारिश हुई है। इस बारिश के कारण भीमगढ़ बांध के गेट भी खोलने पड़ गए। इस बारिश से जिले की हजारों हेक्टेयर की फसल खराब होनेे की आशंका है। ऐसे मेें अब विभाग किसानों को वैकल्पिक फसलें लगाने के निर्देश दे रहा है।

किसानों ने सावन के पहले ही धान, मक्का जैसी फसलों की बोनी कर ली थी लेकिन बारिश में काफी एरिए में फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में कृषि विभाग का कहना है कि किसान अब ऐसी फसलों को लगाएं जो विकल्प के रूप में अच्छा फायदा दे सकें।

इस बीच विभाग ने किसानों को पानी निकासी के इंतजाम करने और माइक्रोन्यूटेंट का छिडक़ाव करने की सलाह दी है। वहीं जिले के किसानों को अब कुछ दिन मौसम खुलने का इंतजार है।

खेतों में जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था करें किसान

कृषि विभाग ने जिले में खरीफ फसलों में जैसे मक्का, धान, अरहर, सोयाबीन एवं अन्य फसलें जो किसानों के द्वारा बोवनी की गई है और विगत दो से तीन दिनों में वर्षा की अधिकता के चलते जिन फ सलों में खेतों में जल भराव की स्थिति बन रही है।

वहां जल निकास नालियों की उचित व्यवस्था कर जल निकास प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि जल भराव से फ सलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। पानी का स्तर कम होने पर या मौसम अनुकूल होने पर किसान नैनो यूरिया, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं एनपीके 19:19:19 का स्प्रे करें ताकि जल भराव के कारण फसलों की बढ़वार प्रभावित हुई है जिसमें उक्त स्प्रे फसल सुधार में सहायक होगा।

दूसरी फसलें लगा लें किसान

मोरिश नाथ उपसंचालक कृषि एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक शेखर सिंह बघेल कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा जिले के किसानों से अपील की गई है कि जिन खेतो में जल जमाव के कारण यदि कोई फसल ज्यादा ही प्रभावित हो गई है और उसके स्थान पर किसान अन्य फसलें लेना चाहते हैं तो मूंग, अरहर, रागी, तिल, रामतिल इस प्रकार की फसलें एवं उद्यानिकी फसलें जैसे धनिया एवं सब्जियां बोनी कर सकते हैं।

खराब हुईं किसानों की फसलें

हाल की बारिश में जिले में कुल 441 गांव प्रभावित हुए हैं। जिसमें से 322 गांवों में फसलों को व्यापक क्षति हुई है। भू-अभिलेख से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में 6034 किसानों की फसलें इस बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित हुई है।

जिले में 5932 हेक्टेयर की फसलों को क्षति पहुंची है। यह आंकड़ा नेत्रांकन के आधार पर है क्योंकि बारिश, बाढ़, संपर्क कटने आदि कारणों से कई स्थानों पर प्रशासन की टीमें अभी मौके पर नहीं पहुंच पा रही हैं।

अब खुल जाए मौसम

इधर बारिश का क्रम लगातार जारी है। बारिश जारी रहने से किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि अब मौसम खुल जाए जिससे खेतों में खरपतवार आदि की सफाई के साथ ही निंदाई-गुड़ाई आदि की जा सके।

इसके साथ ही फसलों में उचित खाद और कीट नियंत्रण दवाओं का छिडक़ाव किया जा सके। इसके साथ ही फसलों को धूप भी जरूरी होती है नहीं तो उनकी पत्तियां पीली पडऩे लगती हैं और जड़ों में गलन होना चाहता है।

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