सिवनी: खरीदी हो गई पूरी, परिवहन रह गया अधूरा, छह लाख क्विंटल धान का परिवहन अभी भी बाकी,भुगतान भी धीमा
- खरीदी हो गई पूरी, परिवहन रह गया अधूरा
- छह लाख क्विंटल धान का परिवहन अभी भी बाकी,भुगतान भी धीमा
डिजिटल डेस्क,सिवनी। जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम छह दिन पहले ही पूरा हो गया लेकिन ,परिवहन का काम नहीं हो पाया। हालात यह है कि अभी भी केद्रों में धान से भरे बोरों का अंबार लगा हुआ है। सबसे ज्यादा समस्या बरघाट क्षेत्र में हैं। यहां पर धान की बंपर आवक हुई लेकिन उस मान से परिवहन नहीं हो पा रहा। खरीदी केंद्रों में ट्रक कम पहुंच रहे हैं। केंद्र प्रभारियों का कहना है कि धान तौल होकर रखी हुई है उसका उठाव भी नहीं हो पा रहा। केंद्रों में एक या दो ट्रक ही पहुंच रहे हैं। वर्तमान में ६.२१ लाख क्विंटल धान का परिवहन बाकी है। वहीं दूसरी ओर मौसम उतार चढ़ाव चल रहा है। यदि बारिश हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
जिले मे धान खरीदी की स्थिति
कुल केंद्र स्थापित ९९
कुल पंजीयन ६२७९०
सेलर किसान ५०७८६
कुल खरीदी ३.३४ लाख एमटी
रेडी टू ट्रांसपोर्ट ३..२७ लाख एमटी
कुल परिवहन २.७२ लाख एमटी
परिवहन बाकी ६२ हजार एमटी
भंडारण होने पर ही मिलेगा भुगतान
जानकारी के अनुसार किसानों को धान का भुगतान तभी होगा जब धान का भंडारण होगा।जिन किसानों की धान जमा हो चुकी है और ईपीओ नजरेट हो गए हैं उन्हें ही भुगतान हो रहा है। ईपीओ तभी जनरेट होंगे जब धान परिवहन होकर जमा होगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक खरीदी का किसानों को ऋण वसूली काटकर ६९३ करोड़ रूपए देना है इसमें से अभी तक ४३६ करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। अभी भी २५७करोड़ देना बाकी है। हालांकि अधिकारियों का कहना है जैसे-जैसे धान जमा हो रही है वैसे-वैसे भुगतान की कार्रवाई भी जारी है।
गोदाम स्तर केंद्रां में समस्या कम
जिले में जहां जहां गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्र बनाए गए थे वहां पर लगभग धान का भंडारण हो चुका है। कई गोदामों में तो खरीदी के आखिरी दिन ही सारी धान भंडारित कर दी गई। सबसे ज्यादा समस्या उन क्षेत्रों में बनी है जहां पर खुले मैदान में धान की खरीदी की गई है। यहां पर खुले आसमान के नीचे धान रखी हुई है। बरघाट के कल्याणपुर, आष्टा, बिरहोली, पिपरिया धोबीसर्रा सहित अन्य केंद्रों में धान का परिवहन काफी धीमा है। यहां पर एक या दो ही ट्रक पहुंच रहे हैं। ट्रक नहीं लगने की स्थिति में विवाद की भी स्थिति बन रही है।
इनका कहना है
धान का परिवहन कर उसके भंडारण के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। कोशिश है कि जल्द भंडारण का काम पूरा हो जाए। धान भंडारण के बाद ही किसानों को भुगतान की कार्रवाई पूरी होगी।
पुष्पेंद्र कुशवाहा, उपायुक्त, सहकारिता