सिवनी: आरोपी को पकडऩे छह जिलों की पुलिस जुटी सर्चिंग में

  • आरोपी को पकडऩे छह जिलों की पुलिस जुटी सर्चिंग में
  • पकड़े गए तीन आरोपियों को लिया पुलिस रिमांड पर, खुलेंगे और कई राज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-20 04:49 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी कोतवाली थाना अंतर्गत छिंदवाड़ा बायपास के पास डूंडासिवनी थाने के प्रधान आरक्षक राकेश ठाकुर पर गोली चलाने की घटना के बाद सिवनी समेत छह जिलों की पुलिस मुख्य आरोपी सद्दाम की तलाशी में जुटी हुई है। शुक्रवार की शाम तक उसका कहीं भी सुराग हाथ नहीं लगा। हालांकि पूर्व में सद्दाम का फुटेज हाथ लगा है। इसमे वह किसी दुकान में नजर आया है। जिन तीन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश करने किया गया जहां उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में कई राज खुल सकते हैं। हालांकि प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि उनका मकसद केवल चोरी करना रहता था।

भिंड से आए थे दो आरोपी

पुलिस के अनुसार भिंड जिले के रहने वाले सद्दाम और जनक खन्ना महाराष्ट्र के गोंदिया में ट्रेन से पहुंचे थे। इसके बाद वे बस से सिवनी पहुंचे जहां नैनपुर से इनोवा से आए प्रद्युम्न वैष्णव व गुलशन वैष्णव से मिले। इसके बाद वे चोरी करने के लिए निकल पड़े थे लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबे नाकाम कर दिए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि भिंड के रहने वाले आरोपी पहले भी नैनपुर आ चुके हैं जहां उनकी जान पहचान हो गई थी।

एक दर्जन पुलिसकर्मी लगे थे

आरोपियों की लोकेशन मिलने के बाद डूंडासिवनी थाने से करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी कार्रवाई के लिए लिए सादे कपड़ों में निकल गए थे। आरोपियों के वाहन को फॉलो करने पर एक आरोपी सद्दाम पुलिस का पीछा करने का अंदेशा होने पर वह रास्ते में उतर गया था। छिंदवाड़ा बायपास ब्रिज के उपर तीन आरोपियों को पकडऩे के बाद चौथे आरोपी सद्दाम को पकडऩे गई तो उसने प्रधान आरक्षक राकेश ठाकुर के सीने में गोली चला दी और भाग निकला। पुलिस ने आरोपियों को सख्ती से दबोचे रखा और अपने घायल साथी को अस्पताल लेकर पहुंचे थे।

यह भी पढ़े -सिवनी में बदमाशों की फायरिंग में हेड कांस्टेबल की मौत, मुख्यमंत्री ने किया एक करोड़ की श्रद्धा निधि देने का ऐलान (लीड-1)

परिजनों का रो रोकर बुरा हाल

प्रधान आरक्षक राकेश ठाकुर के शहीद होने की जानकारी जैसे ही परिजनों को लगी तो उनका रो रोकर बुरा हाल हो गया। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि राकेश इस दुनिया से विदा ले चुका है। राकेश वर्ष २००६ में आरक्षक के पद पर पदस्थ हुए थे। जिले के अलग-अलग थानों में तैनाती होने के बाद तीन साल पहले ही उनका प्रधान आरक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ था। राकेश के पिता वीरेंद्र ठाकुर और माताजी रामदेवी अपने पैत्रक गांव डोभ में रहते हैं। राकेश अपने पांच भाइयों में चौथे नंबर के थे। वे राजपूत कॉलोनी में ेंअपनी पत्नी अर्चना और बेटी रिया और बेटे हार्दिक के साथ रहते थे। सबसे बड़ा भाई राजा बाबू, दूसरे नंबर पर राजेश, तीसरे नंबर पर यशवंत जो कि इस समय छिंदवाड़ा यातायात थाने में एएसआई है और सबसे छोटा भाई तरूण जबलपुर में पुलिस आरक्षक के पद पर है। घटना की खबर पर पूरा गांव शोक में डूब ग

यह भी पढ़े -अयोध्या भेजे गए 300 क्विंटल चावल, धूमधाम से किया ट्रक को रवाना

Tags:    

Similar News