सिवनी: समूहों ने सिलवाने की जगह रेडीमेड बुलाई गणवेश
- समूहों ने सिलवाने की जगह रेडीमेड बुलाई गणवेश
- केंद्रों में बाहर की मिली गणवेश का जखीरा, बड़ी गड़बड़ी उजागर
डिजिटल डेस्क, सिवनी। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को गणवेश वितरण और निर्माण के नाम पर बड़ी धांधली सामने आई है। जिन महिला स्वसहायता समूहों को गणवेश सिलने का जिम्मा मिला था उन्होंने बाहर से रेडीमेड गणवेश बुुला लिया। काफी समय से चल रहे इस खेल की जब मुख्यमंत्री को शिकायत की गई तो प्रशासन हरकत में आया। समूहों के केंद्रों में जांच की तो हकीकत सामने आ गई जहां रेडीमेड गणवेश का जखीरा मिला। मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए गणवेश तैयार करने में अफसरों ने न तो कोई ध्यान दिया और न ही कोई कार्रवाई। देर शाम तक मामले की जांच जारी रही। ज्ञात हो कि इस साल पहली से लेकर आठवीं तक के १.२० लाख विद्यार्थियों को गणवेश वितरण होना है।
तीन केंद्रों में बाहर की मिली गणवेश
जानकारी के अनुसार गोपालगंज की आदर्श महिला स्वसहायता समूह के अलावा छुई की अन्नपूर्णा आजीविका समूह व एक अन्य केंद्र में अफसरों की टीम पहुंची। यहां पर बोरों में भरी हुई रेडीमेड गणेवश मिली। गोपालगंज में तो करीब पांच हजार गणवेश थी। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान एक शख्य अफसरों को जवाब दे रहा था। अफसरों ने उसे समूह का न पाते हुए उसे वहां से भगा दिया।
निर्देश पर हरकत में आए अफसर
मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में चल रही गड़बड़ी और वहां की जिला परियोजना समन्वयक आरती चौपड़ा की मनमानी को लेकर भाजयुमो के जिलाध्यक्ष युवराज राहंगडाले ने मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत की थी। इस मामले में भोपाल से मिले निर्देश पर जिम्मेदार अफसरों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। आनन फानन में टीम बनाकर समूहों के सिलाई केंद्रों की जांच की गई तो धांधली सामने आई। यहां पर सिलाई मशीनें तो थी लेकिन कच्चा माल यानी कपड़ा नहीं था। बड़े-बड़े बोरों में रेडीमेड गणवेश थी।