आवाजाही की कठिनाईयां होंगी दूर: आजादी के बाद पहली बार पक्की सडक़ से जुड़ेंगे जिले के 8 गांव-टोला
- पीएम जनमन योजना के तहत बनाई जाएगी सडक़
- जिले के 8 गांव व टोला को पीएम जनमन योजना के तहत पक्की सडक़ से जोड़ा जाएगा।
- प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत 12 किमी लंबी पक्की सडक़ बनाई जाएगी।
डिजिटल डेस्क,सिवनी। दुर्गम, दूरदराज व घने जंगल के बीच बसे जिले के पंडरापानी गांव के लोगों की तकदीर जल्द बदलने वाली है। आजादी के 77 साल बाद भी कच्चे रास्ते से आने जाने को मजबूर इस गांव तक सडक़ बनाने की तैयारी कर ली गई है।
पंडरापानी के साथ ही जिले के 7 अन्य गांव व टोला भी पहली बार पक्की सडक़ से जुडऩे वाले हैं। पीएम जनमन योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना से बनाई जाने वाली इन गांव-टोला की सडक़ के सर्वे के बाद डीपीआर तैयार कर ली गई है।
अब इनके निर्माण का प्रस्ताव बनाकर मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई सिवनी-1 व 2 के महाप्रबंधक केके अग्रवाल द्वारा भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
गौरतलब है कि दूरदराज व दुर्गम इलाकों में निवासरत जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में जोडऩे के उद्देश्य से पीएम जनमन योजना प्रारंभ की गई है। बैगा आदिवासी जहां निवासरत हैं, उन गांव-टोला पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
इन सभी 8 गांव-टोला में बैगा परिवार के साथ ही अन्य आदिवासी परिवार भी निवासरत हैं। पक्की सडक़ से संपर्क न होने के कारण इन गांव-टोला के लोग आर्थिक पिछड़ेपन व कम साक्षरता का दंश भी झेलने मजबूर हैं।
12 किमी कच्चा रास्ता तय कर पहुंचते हैं गांव
बरघाट तहसील की लालपुर ग्राम पंचायत में पंडरापानी नाम का आदिवासी बाहुल्य गांव है। इस गांव में 52 परिवार निवासरत हैं और जनसंख्या 256 बताई जा रही। पक्की सडक़ से जुड़े ग्राम उलट से पंडरापानी तक पहुंचने के लिए जंगल के बीच से होकर 12 किमी तक कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में आवाजाही को लेकर पंडरापानी के निवासी भारी परेशान होते हैं।
लालपुर के सरपंच साजिद बेग से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि ग्राम उलट व पंडरापानी के बीच के 12 किमी लंबे कच्चे रास्ते पर पंडरापानी से लगभग 4 किमी पहले एक नाला हर साल पंडरापानीवासियों के लिए मुसीबत बन जाता है। कुछ देर की बारिश में ही इस नाला में बाढ़ आ जाती है और ग्राम उलट व पंडरापानी का संपर्क कट जाता है।
नाला में बाढ़ के कारण स्थिति यह बनती है कि ग्राम उलट से गांव जाते समय पंडरापानी के निवासियों को वापस 8 किमी ग्राम उलट आना पड़ता है। नाला का पानी उतरने के इंतजार में कई बार रात ग्राम उलट या लालपुर में बिताने को भी मजबूर हो जाते हैं। वहीं बारिश के मौसम में 12 किमी लंबा कच्चा रास्ता जगह-जगह से खराब हो जाता है। आवाजाही में भारी दिक्कत होती है।
वाहन सवार फिसलकर घायल हो जाते हैं। बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को लाने ले जाने में भी काफी कठिनाई होती है। सरपंच बेग ने बताया कि पिछले साल ही इस कच्चे रास्ते को चलने लायक बनाने कि लिए पंचायत द्वारा 70 हजार रुपए खर्च किए गए थे। हालांकि अब कुछ समय बाद आवाजाही की समस्या दूर हो जाएगी। ग्राम उलट से ग्राम पंडरापानी तक प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत 12 किमी लंबी पक्की सडक़ बनाई जाएगी। सडक़ बनने से यह गांव भी मुख्यधारा से जुड़ जाएगा।
ये गांव-टोला भी शामिल
पीएम जनमन योजना अंतर्गत जिले के जिन सात अन्य गांव-टोला को पक्की सडक़ से जोडऩे का निर्णय लिया गया है, उनमें छपारा तहसील के दो तथा घंसौर तहसील के पांच गांव-टोला भी शामिल हैं। छपारा तहसील की खुर्सीपार पंचायत के ग्राम भरिया टोला को खुर्सीपार से भरिया टोला तक 1.70 किमी सडक़ बनाकर पहली बार पक्की सडक़ से जोड़ा जाएगा।
इसी तरह ग्राम चण्डी से चण्डी टोला तक के पौन किमी लंबे कच्चे रास्ते को पक्की सडक़ में तब्दील किया जाएगा। घंसौर तहसील के चमरवाहा पंचायत के बेगाटोला, बुढेरा पंचायत के बखरीटोला, बिनेकी खुर्द पंचायत के इमली टोला, बरेला पंचायत के बेगाटोला तथा ग्राम कुरमीथेल माल को पक्की सडक़ से जोड़ा जाएगा।
चमरवाहा जोबा से बेगाटोला तक 1 किमी, बरोदा से कुरमीथेल माल तक 2.1 किमी, बुढेरा से बखरीटोला तक आधा किमी, बिनेकी खुर्द से इमली टोला तक 2 किमी तथा बरेला से बेगाटोला तक पौन किमी लंबी सडक़ बनाई जाएगी।
इनका कहना है
जिले के 8 गांव व टोला को पीएम जनमन योजना के तहत पक्की सडक़ से जोड़ा जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार कर ली गई है। मंजूरी मिलते ही सडक़ निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
- केके अग्रवाल, महाप्रबंधक, एमपीआरआरडीए परियोजना इकाई सिवनी-1 व 2