सिवनी: नियमों की अवहेलना : गोदाम में लाये बिना बाहर ही बाहर यूरिया बेचने का मामला
लापरवाही एवं मनमानी पर लखनादौन के केन्द्र प्रभारी गायकवाड़ निलंबित
डिजिटल डेस्क,सिवनी।
मार्कफेड के लखनादौन के सोनटोरिया स्थित डबल लॉक केन्द्र से नियमों को ताक पर रख, तीन ट्रक से अधिक यूरिया गोदाम में लाये बिना बाहर ही बाहर बेच दिए जाने के मामले में कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने शुक्रवार को कड़ा एक्शन लिया। श्री सिंघल ने लखनादौन के डबल लॉक केन्द्र प्रभारी शेषराव गायकवाड़ को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने मार्कफेड के डीएमओ (जिला विपणन अधिकारी) अनिल नरवरे को तत्काल आदेश तामील कराने के साथ ही किसी और को डबल लॉक केन्द्र का प्रभार देने के निर्देश दिए हैं। निलंबित किए गए गायकवाड़ को डीएमओ कार्यालय (सिवनी) अटैच किया गया है। कृषि उपसंचालक (डीडीए) मोरिश नाथ ने बताया कि एसडीओ एग्रीकल्चर (लखनादौन) राजेश मेश्राम के जांच प्रतिवेदन में गायकवाड़ को शासन के निर्देशों की अवहेलना, घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता करने का आरोपी पाया गया था। गायकवाड़ को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की धारा 3 के उल्लंघन का दोषी पाये जाने पर कलेक्टर ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। गौरतलब है कि मार्कफेड के सोनटोरिया (लखनादौन) स्थित मार्कफेड के डबल लॉक केन्द्र से यूरिया की कालाबाजारी किए जाने तथा केन्द्र से करीब 11 लाख रुपये का यूरिया गायब होने का मामला दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था। यही नहीं कृषि महकमे की चल रही जांच के बीच दैनिक भास्कर ने यह खुलासा भी किया था कि जबलपुर से इस केन्द्र को भेजे गए 14 ट्रक यूरिया में से अधिकांश ट्रकों का यूरिया केन्द्र प्रभारी गायकवाड़ द्वारा बाहर ही बाहर पर्चियों पर बिकवा दिया गया था। यह बात प्रशासन के सामन लाई गई थी कि 29 अगस्त (मंगलवार) को एक नहीं तीन ट्रक यूरिया लखनादौन-नरसिंहपुर बायपास पर दोपहर 2 बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच बेचा गया है।
6 लाख रूपये के यूरिया का फिर भी नहीं मिला हिसाब
29 अगस्त को यूरिया वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद जब कृषि विभाग की टीम ने जांच की थी तो 11 लाख रूपये कीमत की 4,416 बोरी यूरिया का रिकॉर्ड नहीं मिला था। इसके बाद लगातार चार दिन तक चली जांच के बाद केन्द्र प्रभारी शेषराव गायकवाड़ द्वारा 6 लाख रूपये कीमत की 2228 बोरी यूरिया के विक्रय में गड़बड़ी किये जाने की बात डीडीए मोरिश नाथ ने स्वीकारी थी।
डीएमओ के साथ कृषि विस्तार अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध
अपने मार्कफेड के डबल लॉक केन्द्र से यूरिया वितरण में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद से ही केन्द्र प्रभारी गायकवाड़ के बचाव में बार-बार आगे आते रहे डीएमओ अनिल नरवरे की इस पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका सामने आई है। लंबे समय से गोदाम में खाद लाये बिना बाहर ही बाहर बेच दिये जाने का काम चल रहा था, लेकिन डीएमओ नरवरे को इसकी भनक नहीं लगी। वे डबल लॉक केन्द्रों का सतत् दौरा व निरीक्षण भी करते रहे लेकिन वे यह नहीं पकड़ पाए कि केन्द्र प्रभारी गायकवाड़ बेचे गये यूरिया की ऑनलाइन एंट्री नहीं कर रहा है। न ही यूरिया वितरण के लिए जारी किए जाने वाले आरओ व डीओ के आधार पर गोदाम में उपलब्ध यूरिया का सतत् सत्यापन किया। इसी तरह से लखनादौन में करीब 12 साल से पदस्थ वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी बीआर अठ्या ने यूरिया वितरण में हो रही नियमों की अवहेलना तथ मनमानी की ओर विभाग का ध्यान कभी भी आकृष्ट नहीं कराया। संयोग यह भी कि 29 अगस्त को जिस दिन एसडीएम (लखनादौन) हिमांशु जैन ने केन्द्र के बाहर सडक़ पर यूरिया बिकता पाया और फौरी कार्रवाई की, उस दिन श्री अठ्या अवकाश पर थे। केन्द्र प्रभारी गायकवाड़ ने भी अपने पहले बयान में 29 अगस्त मंगलवार के दिन को भोपाल में होना बताया था।