7 दिन का नोटिस दिया: प्रदेश शासन के निर्देश के बावजूद नगर पालिका की धीमी चाल
- अगले दिन 4 अगस्त को सागर में दीवार गिरने से दबकर 9 बच्चों की मौत हो गई थी।
- प्रदेश शासन द्वारा भी पिछले माह नगरीय निकायों को निर्देशित किया था
- इंजीनियर के निरीक्षण के पश्चात जर्जर आवासों को सूचीबद्ध कर उन्हें तोडऩे की कार्रवाई नगर पालिका द्वारा की जाएगी
डिजिटल डेस्क,सिवनी। आजाद वार्ड स्थित दादू मोहल्ला में पिछले माह एक घर की दीवार गिरने से एक युवक की दबकर हुई मौत के बाद जर्जर आवासों को लेकर हरकत में आई नगर पालिका अब सुस्ती दिखा रही है।
इस घटना के बाद नगर पालिका ने 21 जुलाई को चिंहित किए गए 56 जर्जर व खतरनाक आवासों को लेकर नाोटिस जारी किए थे। इसमें जर्जर भवन के स्वामियों को सात दिन के भीतर डिस्मेंटल करने अथवा सुधार कार्य कराकर स्ट्रक्चर इंजीनियर का प्रमाण पत्र नगर पालिका में प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए ऐसा न करने पर भवन तोडऩे की कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई थी।
सात दिन का नोटिस जारी करने के बाद 20 दिन बीत गए हैं, लेकिन लगता है कि नगर पालिका के अधिकारियों को अपने ही नोटिस की याद नहीं। जबकि इसी माह 3 अगस्त को रीवा में स्कूल के बगल की दीवार गिरने से 4 बच्चों की दबकर दर्दनाक मौत हुई थी।
इसके अगले दिन 4 अगस्त को सागर में दीवार गिरने से दबकर 9 बच्चों की मौत हो गई थी। चार अगस्त को शहर के सुभाष वार्ड में एक मकान की छत गिरने से विकास शर्मा नामक युवक के दबकर गंभीर रूप से घायल होने की घटना भी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद नगर पालिका द्वारा जर्जर व खतरनाक आवासों को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है।
प्रदेश शासन द्वारा भी पिछले माह नगरीय निकायों को निर्देशित किया था कि ऐसे भवन जो जर्जर हालत में हैं और जो अत्यधिक वर्षा से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं एवं जिनसे कोई अप्रिय घटना घट सकती है, ऐसे भवनों का सर्वेक्षण / निरीक्षण किया जाकर उन जर्जर भवनों को तत्काल डिस्मेंटल कराया जाए।
अब निरीक्षण की हो रही बात
नगर पालिका ने जर्जर भवन के स्वामियों को सात दिन के भीतर डिस्मेंटल करने अथवा सुधार कार्य कराकर स्ट्रक्चर इंजीनियर का प्रमाण पत्र नगर पालिका में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन जानकारी के अनुसार किसी भी भवन स्वामी ने स्ट्रक्चर इंजीनियर का प्रमाण पत्र नगर पालिका में प्रस्तुत नहीं किया है।
कुछ भवन स्वामियों द्वारा जर्जर आवासों का सुधार कार्य कराए जाने की जानकारी भी मिली है। हालांकि अब नगर पालिका की भवन शाखा का अमला जर्जर आवासों का नगर पालिका के इंजीनियर से पुन: निरीक्षण कराए जाने की बात कर रहा है। इंजीनियर के निरीक्षण के पश्चात जर्जर आवासों को सूचीबद्ध कर उन्हें तोडऩे की कार्रवाई नगर पालिका द्वारा की जाएगी।
गांधी वार्ड में सबसे ज्यादा जर्जर आवास
शहर के 24 वार्ड में से 11 वार्ड में 56 जर्जर व खतरनाक आवास नगर पालिका द्वारा चिंहित किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 12 जर्जर आवास गांधी वार्ड में हैं। कबीर वार्ड में 7, टैगोर वार्ड में 6, महावीर वार्ड में 7, शहीद वार्ड में 3, संजय, आजाद व विवेकानंद वार्ड में एक-एक, तिलक वार्ड में 3 तथा रानी दुर्गावती वार्ड में 5 जर्जर आवास बताए जा रहे हैं।
इनका कहना है
जर्जर व खतरनाक आवासों के मामले में नोटिस जारी किया जा चुका है। जल्द ही आवासों को तोडऩे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि कोई बड़ा हादसा न होने पाए
- शफीक खान, अध्यक्ष, नगर पालिका
नगर पालिका प्रशासन सोया हुआ है। दीवार गिरने से शहर में एक मौत भी हो चुकी है। शहर विकास व जनहित के कार्य करने की बजाय कांग्रेस की नगर सरकार कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के नए-नए कारनामे करने में जुटी है।
- ज्ञानचंद सनोडिया, नेता प्रतिपक्ष