डेंगू से एक की मौत: लगातार बढ़ रहे डेंगू के आंकड़े, चिंता में स्वास्थ्य विभाग, जिला अस्पताल में तैयार हुआ स्पेशल वार्ड

  • लगातार बढ़ रहे डेंगू के आंकड़े
  • चिंता में स्वास्थ्य विभाग
  • जिला अस्पताल में तैयार हुआ स्पेशल वार्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-17 04:29 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले में डेंगू अब भयावह रूप लेता जा रहा है। छपारा के एक किशोर की मौत मेडिकल कॉलेज जबलपुर में हो गई। जिले में अबतक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढक़र ८१ हो चुका है। जिसमें जिला मुख्यालय में २६ मरीज मिल चुके हैं। इस बीच जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए दस बिस्तरों का एक विशेष वार्ड तैयार किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी ने स्थानीय निकायों को साफ सफाई के लिए प्रभावी कदम उठाने की सलाह दी है। वहीं मैदानी स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं सहित दूसरे मैदानी अमले को हर सूचना पर गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

किशोर ने तोड़ा दम

छपारा के भगत सिंह वार्ड में रहने वाले निखिल रघुवंशी पिता नारायण रघुवंशी (१४) 12 अगस्त को कांवड़ यात्रा में सम्मिलित हुआ था। अगले रोज उसे बुखार आ गया। जिसके बाद परिजन उसे लेकर छपारा अस्पताल पहुंचे। जहां जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे फौरन जबलपुर मेडिकल रैफर कर दिया गया। जहां बीती रात उसकी मृत्यु हो गई।

अबतक ८१ मरीज

जिले में जनवरी से अबतक डेंगू के ८१ मरीज सामने आ चुके हैं। अकेले जिला मुख्यालय में ही डेंगू के २६ मरीज सामने आए हैं। छपारा क्षेत्र में आठ मरीज मिले हैं जिसमें से दो छपारा मुख्यालय में मिले हैं। वहीं मलेरिया भी इस मौसम में पैर पसार रहा है। अबतक मलेरिया के ८८ मरीज सामने आ चुके हैं। जिसमें से अधिकांश फेल्सीपेरम या मस्तिष्क मलेरिया के शिकार हैं।

चौकस हुआ स्वास्थ्य विभाग

लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य अमले की सक्रियता बढ़ गई है। जिला अस्पताल में दस बिस्तरों का एक वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें मच्छरदानी आदि के इंतजाम हैं ताकि डेंगू पीडि़त का बेहतर उपचार हो सके और वह संक्रमण न फैला सके।

लार्वा नहीं देखने दे रहे लोग

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि डेंगू का मामला सामने आते ही लार्वा सर्वे का काम शुरु कर दिया जाता है। अधिकांश मरीज शहरी इलाकों में ही मिले हैं। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे के लिए जाती है तो लोग टीम को घरों में घुसने नहीं देते हैं। जिसके कारण सर्वे नहीं हो पाता है। जिला मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी ने बताया कि डेंगू के मामले में एक परेशानी यह होती है कि डेंगू वायरस के वाहक मच्छर के अंडों से उसकी अगली पीढ़ी मेें यह वायरस वाहित हो सकता है। जबकि मलेरिया में यह नहीं है। ऐसे में चिंता और बढ़ जाती है। इसके लिए जरूरी है कि कहीं भी पानी जमा नहीं होने दिया जाए। डेंगू का मच्छर एक सीमित क्षेत्र में ही उड़ सकता है। इसलिए मरीज सामने आने के बाद आसपास के इलाकों का सर्वे कर लार्वा विनष्टिकरण कराया जाता है। जिसमें लोगों का सहयोग नहीं मिलने की शिकायतें सामने आ रही हैं।

परिषद ने कराया दवा का स्प्रे

शुक्रवार की सुबह वैनगंगा तट पर निखिल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बच्चे की मौत की सूचना के बाद नगर परिषद ने शुक्रवार को संबंधित वार्ड मेें सफाई अभियान चलाया। इसके साथ ही नालियों में ट्रैक्टर के माध्यम से दवा का स्प्रे कराया गया है।

इनका कहना है

बच्चे का स्वास्थ्य बिगडऩे के बाद उसे मेडिकल रैफर किया गया था। जबलपुर से रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य अमले को लार्वा सर्च करने और विनष्टिकरण किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों से अपील है कि किसी भी तरह का बुखार होने पर फौरन जांच कराएं।

- रामजी भलावी, जिला मलेरिया अधिकारी, सिवनी

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