स्वास्थ्य शिविर का आयोजन: डूब क्षेत्र के गोहना गांव में लगाया शिविर, 36 मिले बीमार

  • डूब क्षेत्र के गोहना गांव में लगाया शिविर
  • जांच के दौरान 36 मिले बीमार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-30 05:54 GMT

डिजिटल डेस्क, सिवनी। भीमगढ़ बांध के डूब क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत गोहना स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में बुधवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 78 ग्रामीणों की जांच की गई, जिनमें 36 बीमार पाए गए। इनमें 8 को बुखार था। 15 सर्दी-जुकाम व 4 दस्त से पीडि़त मिले। गौरतलब है कि सिर्फ दैनिक भास्कर द्वारा 27 अगस्त को ही ‘डूब क्षेत्र के गांवों में पांच साल से मलेरिया उन्मूलन की कवायद ठप, हर साल जाती थी टीम, घर घर होता था सर्वे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इससे हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में डूब क्षेत्र की गोहना ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। बीएमओ छपारा डॉ. टीएस इनवाती ने गोहना में मौसमी बीमारी के चलते स्वास्थ्य शिविर लगाने का आदेश जारी कर छपारा में पदस्थ एमओ डॉ. सुकन्या शुक्ला, एएनएम अर्चना लिखितकर, फार्मासिस्ट गिरजाशंकर तंतुवाय, सीएचओ गोहना ज्योति यादव, एएनएम गोहना मनीषा तेकाम, आशा पर्यवेक्षक संतरी बर्मन व उप स्वास्थ्य केन्द्र गोहना की समस्त आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य शिविर में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

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फार्मासिस्ट, आशा पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे

जानकारी के अनुसार लिखित आदेश जारी किए जाने के बावजूद स्वास्थ्य शिविर में फार्मासिस्ट गिरजाशंकर तंतुवाय, सीएचओ गोहना ज्योति यादव, आशा पर्यवेक्षक संतरी बर्मन पहुंचे ही नहीं। शिविर में डॉ. सुकन्या शुक्ला, अर्चना लिखितकर, मनीषा तेकाम व गोहना, पिण्डरई, सिमरिया, परासिया, सुआखेड़ा व झिलमिली की आशा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सरपंच तक को नहीं बताया

ग्राम पंचायत गोहना के सरपंच बाबूलाल उइके ने बताया कि गोहना उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने की उन्हें जानकारी ही नहीं है। न ही गांव की आशा कार्यकर्ता और न ही किसी अन्य ने उन्हें शिविर के संबंध में जानकारी दी। सरपंच का कहना है कि यदि उन्हें बताया गया होता तो शिविर में ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को पहुंचाने में सहयोग किया जाता। गोहना निवासी अख्तर खान का कहना है कि गोहना उप स्वास्थ्य केन्द्र को कई महीनों से नियमित नहीं खोला जा रहा, जबकि यहां सीएचओ की पदस्थापना है। गांव की आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर जानकारी लेने की जेहमत भी कभी उठातीं।

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मलेरिया प्रभावित ग्रामों में कीटनाशक दवा का छिडक़ाव

जिला मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी ने बताया कि राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार विगत वर्ष में जिले के मलेरिया प्रभावित ग्राम एवं हाईरिस्क ग्रामों में अल्फासायफर मेथ्रिन कीटनाशक का छिडक़ाव किया जा रहा है। यह कीटनाशक मलेरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण में प्रभावी होता है, जिससे मलेरिया के प्रकरणों में कमी आती है। जिले के चयनित सात विकासखंडों के 27 ग्रामों का मलेरिया एपिडेमियोलॉजी के आधार पर चयन किया गया है। जिसमें विकासखंड कुरई के 05, गोपालगंज के 03, बरघाट के 04, छपारा का 01, लखनादौन के 10, धनौरा के 01 एवं केवलारी के 03 ग्राम छिडक़ाव कार्यक्रम में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अल्फासायफर मैथ्रिन कीटनाशक का प्रभाव 12 सप्ताह तक बना रहता है एवं मच्छर इसके संपर्क में आने से नष्ट हो जाते हैं।

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