भास्कर लगातार: सील होंगे बिना परमिशन बनाए गए तलघर
- निकायों से कलेक्ट्रेट पहुंची सिवनी सहित छपारा, बरघाट, केवलारी तथा लखनादौन में बने तलघरों की सूची
- काम रुकवाने की जहमत तक नगर पालिका के जिम्मेदारों ने अब तक नहीं उठाई है।
- तलघरों का निर्माण बिना परमिशन के अवैध तरीके से कराया गया है
डिजिटल डेस्क, सिवनी। दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में बने बेसमेंट(तलघर) स्थित लाइब्रेरी में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत की घटना के सिवनी सहित छपारा, बरघाट, केवलारी तथा लखनादौन के तलघरों जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
कलेक्टर संस्कृति जैन के निर्देश पर हुई जांच में सिवनी नगर पालिका सहित पांचों निकाय के अमले ने कुल 52 तलघर चिंहित किए हैं। इन सभी को सूचीबद्ध कर पूरी जानकारी कलेक्ट्रेट पहुंचा दी गई है। अब कलेक्टर के निर्देशानुसार निकायों द्वारा आगामी कार्रवाई की जाएगी।
आश्चर्यजनक तो यह है कि निकायों के अमले द्वारा जो जानकारी तैयार की गई है, उसके अनुसार 52 में से 51 तलघर का निर्माण बिना अनुज्ञा(विधिवत अनुमति लिए बगैर) के अवैध तरीके से करा लिया गया है।
दैनिक भास्कर से चर्चा में मंगलवार को कलेक्टर संस्कृति जैन ने यह भी संकेत दिए हैं कि तलघरों के निर्माणकर्ताओं को नोटिस देकर सील करने की कार्रवाई की जाएगी। इससे तलघर बनाने वालों की नींद उड़ गई है। सिवनी में सबसे ज्यादा 17 तलघर चिंहित किए गए हैं। इन सभी का निर्माण बिना विधिवत अनुमति लिए कराया गया है। इन 17 में 6 वर्तमान में निर्माणाधीन हैं, जहां काम रुकवाने की जहमत तक नगर पालिका के जिम्मेदारों ने अब तक नहीं उठाई है।
मापदण्ड भी ताक पर
तलघरों का निर्माण बिना परमिशन के अवैध तरीके से कराया ही गया है, वहीं तलघर के नियम-कायदों व मापदण्ड का पालन भी कहीं नहीं किया जा रहा है। पार्किंग व गोदाम के संचालन की जगह बर्तन दुकान, लॉज, शो रूम, रेस्टॉरेंट, जनरल स्टोर, किराना दुकान, जनरल स्टोर, ऑनलाइन सेंटर, कम्प्यूटर क्लास का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है।
वेंटिलेनशन के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। ब्लोअर, एग्जास्ट फेन अथवा एयर कंडीशनर नहीं लगाए गए हैं। इतना ही नहीं पानी भरने की स्थिति में उसे बाहर निकालने के लिए पंप तक मौजूद नहीं हैं। तलघर की ऊपर-नीचे चारों ओर की दीवारों की वाटर प्रूफिंक कराया जाना आवश्यक है, लेकिन अधिकतर तलघर की वाटर प्रूफिंग तक नहीं कराई गई है।
सवालों के घेरे में निकायों की कार्यप्रणाली
बिना परमिशन बनाए गए तलघरों में अधिकतर सालों पुराने बताए जा रहे हैं। सिवनी में तो बिना परमिशन आधा दर्जन तलघरों का निर्माण भी वर्तमान में चल रहा है। 52 में से 51 तलघरों के बिना परमिशन बना लिए जाने से निकायों की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाए जा रहे तलघरों के निर्माण के दौरान निकायों की भवन शाखा के अमले को जानकारी न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। बताया जा रहा कि अधिकतर तलघर निकायों के अमले की मिलीभगत से बनाए गए हैं।
सिवनी में जिन बिल्डिंगों में छह तलघरों को बनाया जा रहा है, उनका निर्माण किए जाने की जानकारी भी महीनों से नगर पालिका के इंजीनियर व भवन शाखा के अमले को है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और धड़ल्ले से निर्माण चलता रहा।
जिला पंचायत सीईओ के बंगले के सामने जिस बिल्डिंग में तलघर बनाया जा रहा है, उसका मामला तूल पकडऩे पर चार-पांच माह पूर्व नगर पालिका ने नोटिस देने की खानापूर्ति जरूर की थी, लेकिन आगामी कार्रवाई नहीं की गई।
बनने लगा राजनीतिक दबाव
नियमों को ताक पर रखकर बिना परमिशन बनाए गए तलघरों की जांच तथा नोटिस व सील करने की प्रशासनिक तैयारियों को देखते हुए राजनीतिक दबाव बनाने का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया है। यह दबाव अब अफसरों की बातों में भी झलकने लगा है।
हालांकि वे फिलहाल खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं। जानकारी के अनुसार तलघर बनाने वाले भाजपा-कांग्रेस के नेताओं से जुड़े हुए हैं और उनसे संपर्क साध रहे हैं, ताकि प्रशासनिक अफसरों पर दबाव बनाकर कार्रवाई का मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाए। इसे लेकर कुछ छुटभैया नेता भी सक्रिय बताए जा रहे हैं।
इनका कहना है-
जिन तलघरों का बिना अनुज्ञा लिए गलत तरीके से निर्माण कराया गया है, उनके निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। तलघरों को सील करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
- संस्कृति जैन, कलेक्टर, सिवनी