सिवनी: डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ा तब हरकत में आया अमला

  • शहर में नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही सर्वे
  • जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
  • सरकारी रिकार्ड में एक भी व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं बताई गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-14 10:21 GMT

डिजिटल डेस्क,सिवनी। बारिश में मच्छर जनित रोगों के नियंत्रिण के लिए नगर पालिका तब हरकत में आई जब डेंगू और मलेरिया के मरीज बढऩे लगे। आनन-फानन में नपा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम से समन्वय बनाकर दवा का छिडक़ाव शुरु किया। वहीं लार्वा विनिष्टिीकरण के लिए काम शुरु किया।

हर वार्ड के लिए टीम बना दी गई है और सभी को जिम्मेदारी दी गई। आशा कार्याकर्ता व एएनएम द्वारा लार्वा सर्वे कर विनिष्टीकरण, व फीवर सर्वे के अलावा स्वास्थ्य शिक्षा के लिए काम दिया गया है।

वहीं नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों द्वारा नालियों की सफाई व खाली प्लाट में रूके हुए पानी में दवा डाली जा रही है। हालांकि यह काम काफी पहले शुरु होना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

तेजी से बढ़ रहा है डेंगू

जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सवा तीन माह में अब तक 74 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। वर्तमान में स्थिति यह है कि एलाइजा टेस्ट में रोजना तीन से चार मरीज मिल रहे हैं। सबसे पहला मरीज जून माह में मिला था।

हालांकि सरकारी रिकार्ड में एक भी व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं बताई गई है। डेंगू फैलने का मुख्य कारण मच्छरों पर नियंत्रण नहीं होना। वहीं स्थानीय निकाय भी डेंगू को लेकर गंभीर नहीं हैं।

फॉगिंग मशीन तक नहीं चला रहे

मलेरिया और डेंगू को लेकर फॉगिंग मशीन तक नहीं चलाई जा रही है। नगर पालिका ने भी मच्छर जनित रोगों को लेकर बैठक तक ली जब आधा सैंकड़ा से अधिक मरीज मिले थे। वहीं नगर परिषद और ग्राम पंचायत स्तर पर भी कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है।

मलेरिया विभाग ने पांच लाख घरों की जांच की थी जिसमें 67 सौ घरों में लार्वा पाया गया था। वहीं नगर पालिका ने अभी तक लार्वा विनिष्टीकरण के लिए जुर्माने की कार्रवाई भी नहीं की।

मच्छरों से परेशान लोग

वर्तमान में मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। शाम होते ही लोग परेशान हो जाते हैं। वहीं दिन में भी मच्छरों से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा खतरा डेंगू को लेकर है। चूंकि दिन के समय एडीज मच्छर काटता है। और इसी मच्छर के काटने से डेंगू होता है।

सबसे ज्यादा मच्छर उन क्षेत्रों में है जहां पर साफ सफाई नहीं हो रही है और पानी का भराव रहता है। शहर के ऐसे कई वार्ड हैं जहां पर लोग मच्छरों से परेशान हो रहे हैं। उनके घरेलू उपाय भी काम नहीं आ रहे।

इधर प्राइवेट लैब मेंं किट से टेस्ट

जिले में प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिकों में डेंगू की जांच किट से की जा रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के आदेश हैं कि एलाइजा टेस्ट को ही मान्य किया जाए। इसके बाद भी निजी अस्पताल संचालक किट में डेंगू पाए जाने के बाद भी एलाइजा टेस्ट नहीं करा रहे हैं।

ऐसे में डेंगू के मरीजों की वास्तविक जानकारी भी सामने नहीं आ पा रही है। केवल सरकारी अस्पतालों में ही एलाइजा टेस्ट हो रहे हैं।

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