सतना: सचिव और रोजगार सहायक को 4 साल की जेल

  • विशेष कोर्ट ने 4 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया
  • कई बार पंचायत में सम्पर्क करने पर रोजगार सहायक और सचिव रिश्वत मांग रहे हैं
  • विवेचना के बाद पीसी एक्ट की धारा 7 और 13 का अभियोग पत्र अदालत में पेश किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 09:48 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना। मेड़-बंधान कराने के लिए रिश्वत मांगने वाली ग्राम पंचायत खैरा की सचिव निर्मला विश्वकर्मा और रोजगार सहायक को पीसी एक्ट की विशेष कोर्ट ने 4 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है।

स्पेशल जज अनुराग द्विवेदी की कोर्ट ने आरोपी रोजगार सहायक नारायण सिंह पिता ज्ञानेन्द्र सिंह निवासी ग्राम बिकरा-टिकुरिया टोला और सचिव निर्मला विश्वकर्मा पति राजकुमार विश्वकर्मा निवासी नईबस्ती पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक फखरुद्दीन ने पक्ष रखा।

पंचायत भवन में हुए ट्रेप

विशेष लोक अभियोजक और संभागीय पीआरओ ने बताया कि ग्राम खैरा निवासी मनोज बागरी ने 25 सितम्बर 2015 को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

फरियादी ने बताया कि उसके पिता के नाम एक हेक्टेयर भूमि है, जिस पर वह पंचायत के माध्यम से मेड़-बंधान कराना चाहता है। जिसमें 30 हजार रुपए खर्च आना संभावित है। इस कार्य के लिए कई बार पंचायत में सम्पर्क करने पर रोजगार सहायक और सचिव रिश्वत मांग रहे हैं।

लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर 30 सितम्बर 2015 को ग्राम पंचायत खैरा के पंचायत भवन के सामने से आरोपी नारायण सिंह को 1 हजार रुपए और निर्मला विश्वकर्मा को 15 सौ रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। विवेचना के बाद पीसी एक्ट की धारा 7 और 13 का अभियोग पत्र अदालत में पेश किया।

अदालत ने रिश्वत मांगने और लेने का अपराध साबित पाए जाने पर आरोपियों को जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

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