खींचतान शुरु: शिर्डी और सोलापुर सीट न मिलने पर आरपीआई आक्रामक, कहा - पास है नोटा का विकल्प

  • शिर्डी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं आठवले
  • महायुति में सीटों को लेकर जारी घमासान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-18 14:47 GMT

डिजिटल डेस्क, पिंपरी चिंचवड़, संतोष मिश्रा। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी महायुति में सीटों को लेकर जारी घमासान खत्म नहीं हो पाया है। सभी घटक दल सीटों को लेकर भाजपा पर दबाव बना रहे हैं। इस होड़ में शामिल आरपीआई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने सांगली में भाजपा को सलाह दी है कि नए दोस्त मिलने के बाद पुराने दोस्तों को भुलाया नहीं जाना चाहिए। उनके अल्टीमेटम के बाद आरपीआई की पिंपरी चिंचवड़ इकाई भी भाजपा के विरोध में आक्रामक हो गई है। शहर में आरपीआई नेताओं ने भाजपा को चेतावनी दी है कि, अगर आरपीआई को सोलापुर और शिर्डी की सीट नहीं मिलती है तो मावल और शिरूर लोकसभा में 'नोटा' के विकल्प पर विचार होगा।

शिर्डी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं आठवले

आठवले ने शिर्डी और सोलापुर की सीटों की मांग की है। खुद आठवले शिर्डी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। सांगली में संवाददाताओं से की गई बातचीत में उन्होंने अपनी मांग को फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि, ये सीटें हमें मिलें, इसके लिए हम और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस कोशिश कर रहे हैं। अगर हमें महायुति से दो सीटें नहीं मिलीं तो हम अगली भूमिका स्पष्ट करेंगे। इसके बाद पार्टी के पिंपरी-चिंचवड के पूर्व शहराध्यक्ष सुरेश निकालजे ने चेतावनी देते हुए कहा कि, भाजपा, शिवसेना और आरआईपी की दोस्ती 12 साल से मजबूत है। हालांकि इस बीच पुल के नीचे काफी पानी बह चुका है। शिवसेना में दो फाड़ हो गए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में पार्टी का 'तीर कमान' आ गया है।

इस शिव धनुष को संभालने के लिए एकनाथ शिंदे भगवान श्रीराम से आशीर्वाद लेने के लिए अयोध्या कूच कर चुके हैं। भगवान श्रीराम महायुति को जीत का आशीर्वाद देंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी दो फाड़ हो गया है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाथ में उसकी कमान है। इससे महायुति में सहयोगी दलों की संख्या बढ़ गई और सीटों का बंटवारा मुश्किल हो गया है। ऐसे में यह भी याद रखना चाहिए कि महायुति की मदद के लिए आरपीआई के रामदास आठवले भी आए हैं। रामदास आठवले का पूरे देश में बहुत बड़ा फैन बेस है। हमने यह मांग भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से की है।


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