पुणे: बारामती के विकास में मेरा भी बड़ा योगदान, नाम लिए बिना भतीजे को जवाब
- बारामती में विकास कार्य शरद पवार की देन: रोहित पवार
- यह पवार परिवार नहीं, राहुल गांधी और मोदी के बीच मुकाबला है
- अजित का नामांकन निरस्त, भरा था डमी के तौर पर पर्चा
डिजिटल डेस्क, पुणे. अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार पुणे जिले की बारामती लोकसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की उम्मीदवार हैं। सुनेत्रा ने शनिवार को कन्हेरी में हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर आधिकारिक तौर पर अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के लिए अजित पवार, उनके बेटे पार्थ और जय के अलावा पार्टी के कई स्थानीय नेता भी मौजूद थे। इस समय अजित पवार ने कहा, ‘कल, पवार परिवार के सभी सदस्य शरद पवार साहब के बगल में बैठे थे। उन्होंने यह दिखाने का प्रयास किया कि पूरा परिवार एकजुट है। उनमें से एक व्यक्ति ने यह दावा किया कि शरद पवार ने बारामती में सभी विकास कार्य किए। तो मैंने पिछले 30 वर्षों में क्या किया है?’ रोहित पवार का नाम लिए बिना अजित पवार ने कहा कि जब उनका जन्म भी नहीं हुआ था, तब से बारामती में तमाम संस्थाएं स्थापित की गईं। यह सही है कि बारामती के विकास का पर्याय बन चुकीं विद्या प्रतिष्ठान, कृषि विकास प्रतिष्ठान, सहकारी संस्थाएं शरद पवार ने स्थापित किए। इससे इनकार नहीं किया जा सकता। परंतु जब से मैं राजनीति में आया, तब से इन संसथाओं का विस्तार मैंने भी किया, जिससे बारामती के लोगों का भला हुआ। मेरा भी इसमें बड़ा योगदान है।
बारामती में विकास कार्य शरद पवार की देन: रोहित पवार
शुक्रवार को बारामती की मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले ने कन्हेरी के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। उस समय उनके साथ पिता, राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और पवार परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। तब रोहित पवार ने कहा था कि अजित पवार ने बारामती के लिए कुछ नहीं किया। बारामती में जो भी विकास कार्य हुए हैं, वे सब शरद पवार की देन है। शरद पवार के कारण ही अजित पवार राजनीति में आए।यह पवार परिवार नहीं, राहुल गांधी और मोदी के बीच मुकाबला है
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि यह लोकसभा चुनाव पारिवारिक संबंधों को लेकर नहीं, बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक मुकाबला है। अजित ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम भगवान हनुमान से प्रार्थना करने के बाद आधिकारिक तौर पर अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर रहे हैं। यह चुनाव पारिवारिक रिश्तों को लेकर नहीं है। यह लोकसभा चुनाव पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच का मुकाबला है।’
अजित का नामांकन निरस्त, भरा था डमी के तौर पर पर्चा
बारामती से महायुति की उम्मीदवार के रूप में सुनेत्रा पवार ने नामांकन दाखिल किया था। अजित पवार ने भी इस सीट के लिए डमी कैंडिडेट के तौर पर नामांकन किया था। सुनेत्रा और अजित के नामांकन से वोटरों में चर्चा थी कि चुनाव कौन लड़ेगा? परंतु निर्वाचन आयोग ने इन कयासों पर पूर्णविराम लगा दिया है। अब इस सीट से सुनेत्रा ही चुनाव लड़ेंगी, क्योंकि नामांकन पत्र की छानबीन में अजित का पर्चा चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि अजित के नामांकन पत्र में गलतियां थीं, जबकि सुनेत्रा का नामांक पत्र पूरी तरह से दुरुस्त है। दूसरी ओर राकांपा (शरद) से उम्मीदवार सुप्रिया सुले का नामांकन भी वैध पाया गया है। सुप्रिया सुले के पक्ष में राकांपा के पूर्व नगरसेवक सचिन दौंडके ने डमी नामांकन किया था। उनका नामांकन भी त्रुटियों की वजह से निरस्त कर दिया गया। इस तरह बारामती में प्रमुख रूप से ननद-भाभी के बीच ही मुकाबला होना तय हो गया है।