कोल्हापुर: कमीशन की मलाई के लिए रोके विकासकाम, आला अधिकारियों पर भड़के पालकमंत्री

  • अतिरिक्त आयुक्त को दी तबादले की धमकी
  • रोके विकासकाम
  • कोल्हापुर के आला अधिकारियों पर भड़के पालकमंत्री
  • आयुक्त को भी दी चेतावनी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-17 12:44 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। कोल्हापुर नगर निगम में ठप पड़े प्रशासन, आधार में लटके विकासकार्य और उसमें हुई की गड़बड़ियों की खुद पालकमंत्री हसन मुश्रीफ ने ली और शनिवार को कसबा बावड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लोकार्पण समारोह में कोल्हापुर शहर में रुके हुए विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों की सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाईं। मुश्रीफ ने नगर निगम आयुक्त के. मंजुलाक्षमी, अतिरिक्त आयुक्त रविकांत अडसुल, जल अभियंता नेत्रदीप सरनोबत आदि वरिष्ठ अधिकारियों के कड़े शब्दों में कान खोले। भाषण में ही उनका पारा चढ़ गया. कोल्हापुर नगर निगम के रुके हुए विकास कार्यों को लेकर कड़े शब्दों में नाराजगी व्यक्त की, चूंकि कोल्हापुर नगर पालिका के अंतर्गत सड़कें दुर्दशा का शिकार बनी हैं, इसलिए इसके लिए 100 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ है। ये काम दिवाली से पहले होने की उम्मीद थी, लेकिन अभी भी उसे गति नहीं मिल पाई है. यह कहकर पालकमंत्री ने सीधे तौर पर अधिकारियों पर आरोप लगाया कि अधिकारियों के कमीशन मलाई के लिए ये काम रुके हैं. उन्होंने अपर आयुक्त रविकांत अडसुल का नाम लेते हुए कमीशन का विषय उठाया. उस समय अडसुउल दूसरी ओर देखने लगे लेकिन मुश्रीफ ने उनका ध्यान आकृष्ट कराते हुए सख्त चेतावनी दी कि अपने कमीशन के लिए विकास काम नहीं रोकना चाहिए.

इसके अलावा, मंत्री हसन मुश्रीफ ने चेतावनी दी कि अगर अडसुल नगर निगम के काम नहीं करना चाहते हैं तो उन्हें ग्राम विकास विभाग में भेजा जाएगा।अडसुल पहले ग्रामीण विकास विभाग में थे. उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने ही उन्हें नगर निगम लाया है. मुश्रीफ ने नगर निगम आयुक्त के.मंजू लक्ष्मी को कोल्हापुर सिटी गारबेज प्रोजेक्ट के काम की याद दिलाई. इस काम के कार्य आदेश चार दिनों के भीतर दिया जाना चाहिए, अन्यथा रविकांत अडसुल को तबादला किया जाए। उन्होंने आयुक्त से भी पूछा कि उन्हें आयुक्त ही रहना है या जिलाधिकारी? वह पांच साल तक सिंधुदुर्ग की कलेक्टर रहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अब उनके पास दोबारा इस पद के लिए कोई मौका नहीं है.

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