पन्ना: 5 किलो अनाज के लिए 5 दिन चक्कर काटते हैं मजदूर
- 5 किलो अनाज के लिए 5 दिन चक्कर काटते हैं मजदूर
- खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार, खाद्य अधिकारी की सांठगांठ से गरीबों के हिस्से का राशन डकार रहे सेल्समैन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में खाद्यान्न वितरण् प्रणाली पीडीएस को खाद्य विभाग के अधिकारी सेल्समैनों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। महज 5 किलो अनाज के लिए गरीब मजदूरों को पांच-पांच दिन तक चक्कर काटने पड रहे हैं। ऐसा केवल 1 या 2 नहीं बल्कि जिले की अधिकांश शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के हाल हैं। यहां तक कि जिला मुख्यालय की भी कई उचित मूल्य की दुकानों के यही हाल हैं। अधिकारी और जनप्रतिनिधि शिकायतों को अनदेखा कर देते हैं। जिससे अनियमितता व भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले खाद्य अधिकारी एवं सेल्समैनों के हौसले बुलंद हैं। ताजा मामला अजयगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत धरमपुर का बताया जा रहा है जहां सेल्समैन के द्वारा नियमित खाद्यान्न वितरण नहीं करने से भारी भीड़ रहती है। ऐसे में लोगों को अपने हिस्से के खाद्यान्न के लिए कई दिनों तक चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है। बताया गया है कि ग्राम पंचायत धरमपुर में लगभग दर्जन भर गांव व मजरा टोला हैं। ऐसे में कोई पांच किलोमीटर तो कोई आठ किलोमीटर दूर से पैदल खाद्यान्न लेने धरमपुर आता है जिनमें महिलाएं बुजुर्ग और दिव्यांग भी होते हैं।
यह भी पढ़े -पत्रकार के घर में आग लगाकर असामाजिक तत्वों ने फैलाई दहशत
जिन्हें कई दिनों तक चक्कर काटने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन सेल्समैन के द्वारा नियमित दुकान नहीं खोली जाती। एसडीएम के द्वारा मार्च तक का पूरा खाद्यान्न समय पर वितरित किए जाने के निर्देश पर 19 मार्च को देर रात तक उचित मूल्य दुकान खुली रही। ऐसे में अनाज लेकर पैदल अपने गांव जाने वालों को रास्ते में हिंसक वन्य प्राणियों के हमले का भी शिकार होना पड़ सकता है। कुछ हितग्राहियों ने बताया कि किसी को दिसंबर का किसी को जनवरी का तो किसी को फरवरी का खाद्यान्न नहीं दिया गया। मांगने पर किसी को कहा जाता है कि राशन आया नहीं तो किसी को कहा जाता है कि तुम्हारा राशन मिल चुका है। खाद्यान्न देने के बाद सेल्समैन के द्वारा पर्ची हितग्राही को देने के बजाय तत्काल फाड़ दी जाती है। मौके पर सैकड़ों फटी पर्चियों का ढेर देखा जा सकता है।
लोगों ने बताया कि सेल्समैन मथुरा यादव पहले ग्राम पंचायत कीरतपुर के सेल्समैन थे जहां शासकीय खाद्यान्न ब्लैक करते रंगे हाथों पकड़े जाने पर इन्हें कीरतपुर से हटाकर धरमपुर भेज दिया गया है जो यहां भी अनियमितता और भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। वहीं सेल्समैनों की इन कारगुजारियों से खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में आती है। कुछ सेल्समैनों के द्वारा गरीबों के हिस्से का शासकीय राशन ब्लैक किया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपनी आंख मूंदकर बैठे हुए हैं।