प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रैपुरा: रैपुरा में उल्टी-दस्त ने पसारे अपने पैर, चिकित्सकों के अवकाश पर होने से स्थिति हुई गंभीर

  • रैपुरा में उल्टी-दस्त ने पसारे अपने पैर
  • चिकित्सकों के अवकाश पर होने से स्थिति हुई गंभीर
  • मौत के बाद भी नहीं सजग रहा प्रशासन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-12 10:51 GMT

डिजिटल डेस्क, रैपुरा नि.प्र.। रैपुरा व उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों उल्टी-दस्त का प्रकोप जारी है। तहसील के डोहली ग्राम में कुछ दिन पूर्व उल्टी-दस्त के दो दर्जन से अधिक मरीज पीडित मिले थे जिसमें एक महिला की मौत भी हो गई थी। रैपुरा के विभिन्न ग्रामों में उल्टी-दस्त के एक बार फिर से मरीज बढना शुरू हो गये हैं। रविवार सुबह लगभग दस बजे स्वाति प्रजापति पिता सोहन प्रजापति उम्र 18 को उल्टी-दस्त के बाद हालत बिगडऩे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रैपुरा में प्राथमिक उपचार पश्चात कटनी जिला चिकित्सालय के लिए रेफर करना पड़ा। स्वाति ने बताया कि उसे उल्टी दस्त दोनों हो रहे हैं। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही शहंशाह पिता शादिक खान उम्र 15 निवासी संजय नगर रैपुरा भी उल्टी दस्त की शिकायत लेकर पहुंचे थे जिन्हें उपचार दिया गया। वहीं संध्या लोधी पिता डोलन लोधी उम्र 12 वर्ष निवासी इटौरा भी उल्टी दस्त से पीडित थे। दोपहर तक उल्टी-दस्त के मरीजों का आना कम नहीं हुआ।

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लक्ष्मी आदिवासी पिता भागवत आदिवासी उम्र 15 वर्ष निवासी पटना एवं फूलरानी पति करण सिंह उम्र 60 वर्ष निवासी डोभा भी उल्टी दस्त की शिकायत लेकर पहुंचे। इतने लोगों के इस समस्या से ग्रसित होने के बावजूद स्वास्थ्य अमला अब तक यह पता नहीं लगा सका कि कहीं यह किसी महामारी के संकेत तो नहीं हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जानकारी लेने पर पता चला कि तीन दिनों में 25 से अधिक मरीज उल्टी-दस्त से पीडित पहुंचे थे। इनमें से 7 को तो कटनी जिला अस्पताल रेफर करना पड़ा। पिछले दो सप्ताह में डोहली ग्राम में 20 से 25 उल्टी दस्त के मरीज मिले थे अगर इन्हें भी शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा 50 से अधिक पहुंच जायेगा। वहीं मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र न पहुंच कर प्राइवेट डॉक्टर और कटनी व दमोह जिला इलाज के लिए जा रहे हैं। अस्पताल में ही रैपुरा के संजय नगर निवासी शादिक खान अपने बेटे का इलाज करा रहे हैं उन्होंने बताया कि उनकी 13 वर्षीय बेटी सुहाना को भी उल्टी दस्त हुएं थे जिसे लेकर परिजनों को कटनी जाना पडा।

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मौत के बाद भी नहीं सजग रहा प्रशासन

इस उल्टी-दस्त के प्रकोप से अभी तक तीन मौतें बताईं जा रहीं हैं। जिसमें २९ जुलाई को डोहली निवासी भुगिया बाई की मौत हो गई थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नलों में गंदा पानी आना इस बीमारी की वजह हो सकती है। वहीं रैपुरा से आठ किलोमीटर दूर ग्राम इटौरा में किशुन पटेल पिता पुसऊ पटेल उम्र 50 वर्ष की उल्टी दस्त से गुरुवार को मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बुधवार से ही उन्हें उल्टी दस्त हो रहे थे। इसके अलावा कस्बे से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित भरवारा ग्राम में सुखदेव लोधी पिता मलंगी उम्र 65 वर्ष की शनिवार को मौत हो गई। उनके बेटे ने बताया कि उन्हें उल्टी दस्त हुए थे जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

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चिकित्सकों के अवकाश पर होने पर मरीज परेशान

रविवार को जब रैपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज पहुंच रहे थे तो वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। जब अस्पताल में मौजूद स्वास्थकर्मियो से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डॉ. एम.एल. चौधरी के परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर वह अवकाश पर हैं। वहीं स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक और डॉक्टर लगभग दो माह से छुट्टी पर हैं। रैपुरा से बीस किलोमीटर दूर स्थित सिहारन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर भी पीजी की परीक्षा होने की वजह से छुट्टी पर गए हुए हैं। इस विषय पर जब बीएमओ डॉ. सर्वेश लोधी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि वह भी पीजी के पेपर होने की वजह से आज अवकाश पर हैं।

इनका कहना हैे

आज पी.जी. की परीक्षा होने की वजह से डॉक्टर्स उपलब्ध नहीं थे। बीएमओ को फील्ड पर उचित स्थिति पता करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. एस.के. त्रिपाठी, सीएमएचओ पन्ना 

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